
नईदुनिया प्रतिनिधि, बड़वानी। जिला मुख्यालय से सटे ग्राम सजवानी में दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को अचानक उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद हड़कंप मच गया। कुछ ग्रामीणों को जिला अस्पताल में भर्ती किया। ग्रामीणों के अनुसार नल जल की लाइनों में ड्रेनेज का पानी मिलने से लोगों को यह शिकायत होने लगी है। ग्रामीण आरोप लगाया कि सरपंच, सचिव, सीईओ की अनदेखी के चलते यह स्थिति बनी।
यह मामला सोमवार को सामने आया। सूचना पर सुबह 11 स्वास्थ्य विभाग का अमला और जनपद सीईओ मोतीलाल काग मौके पर पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग के अमले ने उल्टी दस्त से पीड़ित मरीजों के हाल जानकर उपचार दिया। इस दौरान एक गंभीर मरीज को शहर के निजी अस्पताल में भी भर्ती किया गया।
हालांकि फिलहाल सभी की हालत सामान्य बताई जा रही है। आशा कार्यकर्ता, एएनएम और मेडिकल ऑफिसर ने भी पड़ितों के घर पहुंचकर जानकारी ली। वहीं गांव पहुंचे जनपद सीईओ काग को ग्रामीण बाइक पर बैठाकर नल जल के लीकेज होने वाले वाल और लाइन दिखाने ले गए।
एक जगह नाली के पास बने नल के चैंबर में कचरा वह गंदगी पाई गई। वही लाइन लीकेज होने के बात सामने आई। वही गांव के मध्य गुजर रहे स्टेट हाईवे किनारे पुलिया के नीचे चेंबर के आसपास खासी गंदगी पसरी दिखाई दी। इसको लेकर ग्रामीणों ने स्थानीय सरपंच, सचिव और जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।
शासन प्रशासन द्वारा बड़ी राशि खर्च कर स्वच्छ भारत अभियान का बिगुल बजाया जाता है, लेकिन यह प्रयास शहरों के मुकाबले गांव में फिसड्डी साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सजवानी गांव में नियमित वह उचित साफ सफाई नहीं होती। हालत यह है कि गांव के मध्य बनी पुलिया के नीचे लंबे समय से बड़ी मात्रा में कचरा कूड़ा जमा हो रहा है। उसके पास ही स्कूल भी संचालित होती है। ऐसे में आमजन के साथ बच्चों को भी गंदगी दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। साथ ही मच्छरों की भरमार होती है।
गांव के निरीक्षण पर पहुंचे जनपद सीईओ ने गांव के वाटर मैन से पानी वितरण और वसूली के संबंध में जानकारी की प्राप्त की। मौके पर लोगों ने कहा कि वह नियमित रूप से पेयजल का पैसा भी देते है। इसको लेकर सईओ के समक्ष गांव का वाटर मैन वसूली राशि की स्पष्ट जानकारी देने में असमर्थ नजर आया। सीईओ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि है नल जल के संचालन और पेयजल वसूली का काम गांव के महिला समूह को सौंपा जाए।
ग्रामीण विनोद सेप्ता, धन्नालाल सोलंकी के अनुसार गांव में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व नल-जल योजना की लाइन डाली गई थी, लेकिन बाद में कोई सुध नहीं ले रहे। हालत यह है कि पाइप लाइन गंदगी के बीच से गुजर रही है। नालियों का गंदा पानी इसमें मिल रहा है। पानी के चेंबरों में भी गंदगी जमा है। जिससे पानी दूषित हो गया है। घरों में आने वाले पानी की जांच भी नहीं की जा रही है। इसको लेकर सरपंच सचिव को कई बार अवगत कराया। सुनवाई नहीं होने पर सीएम हेल्पलाइन भी की गई है।
सीएमएचओ सुरेखा जमरे ने बताया कि सजवानी गांव में मंगलवार को उल्टी दस्त के पीड़ित 27 लोग पाए गए थे। इसमें से एक की तबीयत खराब होने पर निजी अस्पताल भर्ती किया था। फिलहाल सभी की तबीयत सामान्य है। नया कोई मरीज नहीं मिला। ग्रामीणों ने दूषित पानी से यह शिकायत होना बताया है। आशा, एएनएम और मेडिकल ऑफिसर को गांव में नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।