युवराज गुप्ता, बड़वानी : आमतौर पर वर्षाकाल में बाढ़ और अतिवृष्टि के बाद शासन प्रशासन द्वारा आपदा राहत कार्य चलाए जाते हैं। बाढ़ आपदा पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचाई जाती है लेकिन बड़वानी में इससे उलट कुछ अलग भी होता है। यहां पर डूबक्षेत्र के दुर्गम पहाड़ी गांवों में वर्षा और बाढ़ से पहले ही राहत सामग्री पहुंचाई जाती है ताकि दुर्गम गांवों में जनजीवन प्रभावित ना हो।
पाटी विकासखंड के सेमलेट, देवगढ़ जैसे गांवों के करीब 1400 परिवारों तक सितंबर माह तक का राशन पहुंचाया गया है। ऐसा इसलिए कि वर्षा और बाढ़ के दौरान यहां पहुंचने के सारे रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। दरअसल, गुजरात के सरदार सरोवर बांध के बैकवाटर की जद में बड़वानी और धार जिले के विविध गांव शामिल है। कुछ तटीय गांवों तक तो पहुंचने के लिए राह है लेकिन जो अत्यंत दुर्गम पहाड़ी डूब गांव हैं, वहां तक पहुंचना आम दिनों में ही मुश्किल भरा रहता है।
वर्षाकाल में बैकवाटर और बाढ़ के पानी के कारण यहां के रास्ते पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। ऐसे में यहां के पहाड़ी डूब गांव एवं फलियों तक वर्षाकाल में राशन पहुंचाना बेहद मुश्किल होता है। इसलिए यहां पर प्रशासन द्वारा तीन माह का अग्रिम राशन पहुंचा दिया जाता है ताकि वर्षाकाल में कहीं कोई दिक्कत ना हो।
जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी जेएस मुवेल के अनुसार पाटी विकासखंड के ग्राम सेमलेट के 733 एवं देवगढ़ के 745 परिवारों के लिए राशन पहुंचाया गया है। 1478 परिवारों के 7704 सदस्यों के लिए 987.48 क्विंटल गेहूं, 658.32 क्विंटल चावल, 8.88 क्विंटल शकर, 59.12 क्विंटल नमक पहुंचाया गया है।
डूब क्षेत्र के गांवों में नर्मदा समग्र द्वारा भी सहायता पहुंचाई जा रही है। नर्मदा समग्र के राज्य समन्वयक मनोज जोशी एवं नदी एंबुलेंस के प्रभारी राजेश जादम के अनुसार नर्मदा समग्र नदी एंबुलैंस के माध्यम से सरदार सरोवर जल ग्रहण क्षेत्र के उन वनवासी गांव में निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करता है जिन गांवों का सड़क संपर्क नहीं है।
इसके अलावा नर्मदा समग्र द्वारा क्षेत्र के समाजसेवियों की मदद से वर्ष में दो बार राशन पहुंचाया जाता है। 40 गांवों के करीब एक हजार परिवारों तक यह राशन पहुंचाया जाता है।
वर्षाकाल शुरू होने से पूर्व मई-जून माह में गांवों में राशन पहुंचाया जाता है क्योंकि वर्षाकाल में डूब गांवों में अथाह पानी व तूफान के दौरान जाना मुश्किल रहता है। वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही क्षेत्र में तीन संस्कार केंद्रों के माध्यम से वनवासी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करता है। समय-समय पर भोजन किट जूते, चप्पल एवं वस्त्र वितरण भी करते हैं।