नईदुनिया, बड़वानी। 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशलयुक्त बनाकर उन्हें रोजगार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करना है। इसी अवसर पर हम मिलवा रहे हैं बड़वानी जिले की उन युवतियों से, जिन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में बीसी (बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट) और बैंक सखी बनकर न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि ग्रामीण समाज में वित्तीय समावेशन की नई मिसाल भी कायम की है।
ग्राम मंडवाड़ा की सारिका चौहान आज गांव-गांव जाकर न सिर्फ बुजुर्गों को घर पर पेंशन देती हैं, बल्कि महिलाओं को डिजिटल बैंकिंग से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं। सारिका अब तक करीब 3000 से अधिक बैंक खाते खोल चुकी हैं और ग्रामीणों को मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई, एईपीएस जैसे डिजिटल माध्यमों की जानकारी भी दे रही हैं।
अंजड़ व ठीकरी क्षेत्र में बीसी सखी के रूप में कार्यरत पूर्वा पंवार ने 100 महिला समूहों के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें डिजिटल वित्तीय प्रणाली से जोड़ा है। पूर्वा हर दिन गांव में जाकर अपनी मोबाइल बैंकिंग सेवा के ज़रिए लेन-देन कराती हैं और करीब 1500 से अधिक ग्रामीणों को लाभ पहुंचा चुकी हैं।
एनआरएलएम के जिला परियोजना प्रबंधक योगेश तिवारी के अनुसार, जिले में फिलहाल 80 बैंक बीसी और 81 बैंक सखियां कार्यरत हैं। ये महिलाएं हर माह 15,000 से 30,000 रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं। वे न केवल खुद स्वावलंबी बनी हैं, बल्कि गांव की महिलाओं और बुजुर्गों को डिजिटल रूप से सशक्त भी कर रही हैं।