मुलताई (नवदुनिया न्यूज)। जनता विगत कई वर्षो से भाजपा का सांसद चुनते हुए चली आई है, लेकिन मुलताई पवित्र नगरी होने के बावजूद अभी भी प्रमुख ट्रेनों के स्टापेज को तरस रहा है। जनप्रतिनिधि दिल्ली तो पहुंच जाते हैं, लेकिन जनता ने उन्हें जिस वजह से देश की राजधानी भेजा उसको भूल कर सत्ता के मद में चूर हो जाते हैं। उक्त उद्गार जन आंदोलन मंच के धरने के दूसरे दिन मंच के सदस्यों ने व्यक्त किए। मंच के अनिल सोनी ने कहा कि नगर में ट्रेनों के स्टापेज के लिए जन आंदोलन मंच वर्षों से सक्रिय है जिसके तहत हमने कई बार ट्रेन रोको आंदोलन में डंडे भी खाए, जेल में भी रहे और आठ वर्षों तक भोपाल पेशी पर भी गए। इसके बावजूद भाजपा के जनप्रतिनिधि नहीं जागे जिसका नतीजा है एक बार फिर जन आंदोलन मंच को ट्रेनों के स्टापेज के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।
मोहनसिंह परिहार ने कहा कि जन आंदोलन मंच नगर की समस्याएं उठाने के लिए है जिसमें सभी दलों एवं संगठनों के लोग हैं। इनका उद्देश्य दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नगर की समस्याओं को सामने लाना तथा उसका समाधान भी कराना है। रजनीश गिरे ने कहा कि वर्षो बाद नगर से एक मंत्री बने, लेकिन उन्होंने भी डेढ़ वर्ष तक कुछ नहीं किया जबकि वे चाहते तो ट्रेनों के स्टापेज करा सकते थे। उन्होंने कहा कि लोकसभा क्षेत्र की जनता लगातार भाजपा का सांसद चुन रही है, लेकिन विगत 20 से 25 वर्षो में कोई भी उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ है जिससे नगर की जनता को लाभ मिलता। राजरानी परिहार ने कहा कि नगर के विद्यार्थियों को भी प्रमुख ट्रेनों के स्टापेज नहीं होने से परेशान होना पड़ता है। विशेष रूप से छात्राएं जो भोपाल, इंदौर, दिल्ली, मुंबई जाती है उनको मुलताई की जगह अन्य स्थानों से ट्रेनों में बैठना पड़ता है। तीर्थयात्रियों को मुलताई में सीधे स्टाप नहीं होने से परेशान होना पड़ता है।
विगत 13 वर्षों से नहीं हुआ किसी ट्रेन का स्टापेजः
जन मंच के सदस्यों ने भाजपा के जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 13 वर्षो से नगर को किसी भी ट्रेन का स्टापेज नहीं मिला है। यह भाजपा की भारी विफलता है। लगातार सांसद बनने के बावजूद मां ताप्ती की पवित्र नगरी में प्रमुख ट्रेनों का स्टापेज नहीं मिलना भाजपा के माथे पर कलंक का टीका है। जनमंच के सदस्यों ने कहा कि भाजपा के पदाधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी अपने सांसद को इसके लिए नहीं कहते इसलिए अब आगामी चुनाव में भाजपा को इस निष्कियता का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।
उग्र होगा आंदोलनः
जन आंदोलन मंच के सदस्यों ने बताया कि फिलहाल धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है, लेकिन यदि उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिलता है तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के तहत रैली निकाली जाएगी, बंद किया जाएगा। यदि इस पर भी समस्या का समाधान नहीं होता है तो उग्र आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। सदस्यों ने बताया कि अब आंदोलन तक ही समाप्त होगा जब तक किसी भी ट्रेन का स्टापेज नहीं मिल जाता।