बैतूल। बैतूल से सारणी होते हुए छिंदवाड़ा जिले के परासिया तक बनाए गए टू-लेन रोड पर टोल टैक्स की वसूली करने नियम विरूद्घ तरीके से टोल प्लाजा बनाने का मामला सामने आया है। रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को 285 करोड़ की लागत से 121 किलोमीटर की सड़क बनने के बाद टोल प्लाजा स्थापित करने पीडब्ल्यूडी ने जो अनुशंसा की थी, उसके अनुसार टोल प्लाजा 61 से 62 किलोमीटर के बीच बनना चाहिए था, लेकिन यहां महज 31 किलोमीटर पर ही टोल प्लाजा बनाकर वसूली की जा रही है। इस मामले को लेकर पाथाखेड़ा निवासी नेहरू सिंह राजपूत अब न्यायालय की शरण ले रहे हैं। उनके अधिवक्ता की ओर से रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और ठेका कंपनी को कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के उप सचिव की ओर से बैतूल-सारणी-परासिया मार्ग के बीओटी आधार पर निर्माण कर टोल वसूली के संबंध में राजपत्र में प्रकाशित ड्राफ्ट अधिसूचना में यह उल्लेख किया गया है कि मार्ग के 121 किलोमीटर क्षेत्र में 2 स्थानों पर टोल प्लाजा स्थापित किए जाएंगे। इनमें पहला टोल प्लाजा 61 से 62 किलोमीटर के बीच होगा और दूसरा 120 से 121 किलोमीटर के बीच बनाया जाएगा। इसमें बैतूल को शून्य मानते हुए यदि 61 किलोमीटर की दूरी मापी जाए तो यह बैतूल और छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर छिंदवाड़ा जिले में आएगी। इस लिहाज से पहला टोल प्लाजा छिंदवाड़ा जिले में स्थित होता और दूसरा भी छिंदवाड़ा जिले में होता।
कम्पनी ने बनाया 31 किमी पर
सड़क निर्माण करने वाली ठेका कंपनी डीबीएल ने बैतूल से 31 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पांढरा में टोल प्लाजा का निर्माण कर डाला। इससे सारणी, पाथाखेड़ा, घोड़ाडोंगरी और बैतूल के लोगों को आवाजाही करने पर हर दिन टोल अदा करना पड़ रहा है। टोल प्लाजा स्थापित कर 29 मई 2015 से टोल वसूली प्रारंभ भी कर दी गई है। स्थानीय लोगों को कार और जीप के लिए प्रति फेरा 35 रुपए का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। वहीं हल्के वाणिज्यिक वाहनों से 85 रुपए की वसूली हो रही है। इनके अलावा बस से 175 रुपए, ट्रक से 210 रुपए और मल्टी एक्सल ट्रक से 415 रुपए टोल वसूला जा रहा है।
अधूरी है अभी भी यह सड़क
बैतूल से परासिया के बीच 121 किलोमीटर लम्बी इस सड़क का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है। छिंदवाड़ा के दमुआ से तानसी के बीच 15 किलोमीटर की सड़क अभी भी निर्माण की राह देख रही है। सड़क का काम पूरा ना होने के बाद भी टोल बेरियर स्थापित करने मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा अधिकृत की गई कंसलटेंसी मेसर्स थीम इंजीनियरिंग सर्विस लिमिटेड ने अस्थाई समापन प्रमाण पत्र देकर कम्पनी को सड़क संचालन और टोल वसूली की अनुमति दे दी।
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एमपीआरडीसी और ठेका कंपनी को नोटिस
नियम विरूद्घ तरीके से टोल प्लाजा का निर्माण करने के मामले में पाथाखेड़ा निवासी नेहरू सिंह राजपूत की ओर से अधिवक्ता गिरीश गर्ग ने एमपीआरडीसी भोपाल और डीबीएल कम्पनी को रजिस्टर्ड नोटिस भेज दिया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग मंत्रालय ने जो ड्राफ्ट अधिसूचना राज्यपाल के आदेशानुसार जारी की है उसमें टोल प्लाजा 61 से 62 किलोमीटर के मध्य स्थापित किया जाना था। कम्पनी और विभाग ने इसका उल्लंघन करते हुए 31 किलोमीटर पर टोल प्लाजा बना दिया और जिले के लोगों से अवैधानिक रूप से पथकर की वसूली की जा रही है। नोटिस में चेतावनी दी है कि ड्राफ्ट अधिसूचना का अनुसरण करते हुए निर्धारित स्थान पर टोल प्लाजा का निर्माण किया जाएं और वर्तमान स्थल से टोल प्लाजा पर की जा रही टोल वसूली अविलम्ब बंद की जाएं। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो न्यायालय में परिवाद पेश कर वैधानिक कार्रवाई करने हेतु वे विवश होंगे।
वे बोले...
मेरी जानकारी में यह मामला नहीं है, यदि अधिसूचना जारी की गई थी और उसमें दिए गए स्थान पर टोल प्लाजा का निर्माण नहीं किया गया है तो यह संभव है कि कोई संशोधन हुआ होगा। मामले को मेरे स्तर पर देखने के बाद ही कुछ कह पाउंगा।
बीएस मीणा, डिवीजनल मैनेजर, एमपीआरडीसी, भोपाल