
बैतूल। जिले में शुक्रवार सुबह से प्रारंभ हुई झमाझम वर्षा शनिवार अल सुबह तक जारी रही। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 445 मिमी वर्षा भीमपुर विकासखंड में दर्ज की गई है। हालांकि शनिवार को सुबह करीब नौ बजे से वर्षा का दौर थम गया जिससे लोगों को राहत मिल रही है। वर्षा के साथ तेज हवा ने मक्का और गन्ना की फसल को खासा नुकसान पहुंचा दिया है। भीमपुर से नवीन गौतम ने बताया कि शुक्रवार सुबह से तेज वर्षा प्रारंभ हो गई थी। इससे विकासखंड मुख्यालय का अन्य क्षेत्रों से संपर्क करीब 24 घंटे तक कटा रहा।
भीमपुर से खंडवा, आशापुर मार्ग, महाराष्ट्र को जोड़ने वाले मार्ग और बैतूल की ओर जाने वाले मार्ग पर नदी-नालों में बाढ़ की स्थिति बनी रही। गांगुल और ताप्ती नदी के पुल के करीब तक पानी बह रहा है। दामजीपुरा से बैतूल की ओर जाने वाले मार्ग पर जावरा गांव के समीप गांगुल नदी के पुल पर पानी बहने से करीब 24 घंटे तक आवागमन बंद रहा।
दामजीपुरा से खंडवा, बुरहानपुर और महाराष्ट्र के धारणी जाने वाले मार्ग पर भी नदियों और नालों के पुल पर पानी होने से आवागमन पूरी तरह से अवरूद्ध रहा। भीमपुर के तहसीलदार हंसकुमार होंकर ने बताया कि शनिवार को सुबह से वर्षा का दौर थम गया है। पिछले 24 घंटे में 445 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। नदियों और नालों में पानी का स्तर कम होने पर कुछ मार्ग पर आवागमन भी प्रारंभ हो गया है।
बैतूल जिले में शुक्रवार सुबह आठ बजे से लेकर शनिवार सुबह आठ बजे के बीच कुल 227.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। सबसे अधिक भीमपुर विकासखंड में 445 मिमी, भैंसदेही में 354 मिमी,चिचोली में 270.4 मिमी, मुलताई में 210.4 मिमी,शाहपुर में 209 मिमी, बैतूल में 197.2 मिमी, प्रभात पट्टन में 149.5 मिमी, अामला में 169 मिमी, घोड़ाडोंगरी में 120 मिमी और आठनेर में 148.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इस सीजन में जिले में अब तक 227.3 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 1527 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। जिले में औसत सामान्य वर्षा 1083.9 मिमी मानी जाती है।
वर्षा के साथ तेज हवा बहने के कारण मक्का और गन्ना की फसल को बेहद नुकसान पहुंचा है। खेतों में मक्का की फसल आड़ी होकर जमीन पर बिछ गई है। यही हालत गन्ना की फसल की भी हो गई है। ग्राम प्रभुढाना के किसान वामनराव पोटे ने बताया कि रातामाटी, प्रभुढाना, भड़ूस, दनोरा, खेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर मक्का की फसल खेतों में बोई थी।
तेज वर्षा और हवा बहने से मक्का के पौधे गिरकर खेतों में आड़े हो गए हैं। इससे अब उनमें फल और दाना भरने की प्रक्रिया थम जाएगी। गन्ना की खेती करने वाले किसान अनिल जैन ने बताया कि तेज हवा के कारण गन्ना खेतों में आड़ा होकर बिछ गया है। इससे पैदावार 25 से 30 प्रतिशत प्रभावित हो जाएगी।