VIDEO Burning Train: बैतूल-छिंदवाड़ा पैसेंजर में लगी आग, दो बोगियां जलकर खाक
लूप लाइन से ट्रेन को लेकर प्लेटफार्म पर खड़ा किया जा रहा था, उसी दौरान अचानक भड़की आग। गनीमत रही कि इस दुर्घटना की वजह से जनहानि नहीं हुई। रेलवे ट्रैक के नजदीक नहीं पहुंच पाई फायर ब्रिगेड।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 23 Nov 2022 04:19:42 PM (IST)
Updated Date: Thu, 24 Nov 2022 09:10:31 AM (IST)

बैतूल, नवदुनिया प्रतिनिधि। बैतूल से छिंदवाड़ा के बीच चलने वाली पैंसेजर ट्रेन क्रमांक 09589 के दो डिब्बों में अज्ञात कारण से आग लग गई। बुधवार दोपहर करीब 3.30 बजे ट्रेन को जब लूप लाइन से प्लेटफार्म क्रमांक एक पर लाया जा रहा था उसी दौरान पहले एक डिब्बे में धुआं उठता दिखाई दिया। कुछ ही देर में दो डिब्बे आग की लपटों में घिर गए। आनन-फानन पहले इंजन के साथ तीन डिब्बों को हटाया गया इसके बाद अन्य डिब्बों को भी अलग किया गया। खैरियत यह रही कि घटना के समय ट्रेन पूरी तरह खाली थी। उसे लूप लाइन से प्लेटफार्म क्रमांक एक पर लिया जा रहा था। इस वजह से कोई जनहानि इस हादसे में नहीं हुई।
बैतूल-छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन दोपहर 12.30 बजे बैतूल पहुंचती है। इसके बाद इसे लूप लाइन पर खड़ा कर दिया जाता है। शाम चार बजे यह ट्रेन बैतूल से वापस छिंदवाड़ा के लिए रवाना होती है। ट्रेन के रवाना होने का समय हो जाने पर उसे प्लेटफार्म क्रमांक एक पर लाने के लिए इंजन की मदद से लूप लाइन से आमला की ओर आगे ले जाया जा रहा था। इसी दौरान माचना नदी के पुल के करीब डिब्बे में आग लग गई। मलकापुर आउटर सिग्रल की ओर माचना नदी के पुल के पास जैसे ही डिब्बे में आग नजर आई, चालक ने इंजन रोक दिया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग लगने की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया और रेलवे कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे। आनन-फानन ट्रेन की दो बोगियों को छोड़कर, शेष को अलग करना प्रारंभ किया गया। आग की लपटों में घिरे दो डिब्बों के साथ जुड़े एक अन्य डिब्बे को लोगों ने धक्का लगाकर अलग किया।
फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच पाईं
आग लगने की सूचना मिलते ही नगर पालिका बैतूल की तीन फायर ब्रिगेड माचना नदी के पुल तक तो पहुंच गई, लेकिन उसके आगे जाने के लिए रास्ता ही नहीं था। इसके चलते ट्रेन तक नहीं पहुंच पाई। इससे रेलकर्मियों और मौके पर मौजूद लोगों ने पास में ही मौजूद किसान दीपक के खेत से मोटर पंप के पाइप रेलवे ट्रैक तक बिछाए और उसमें आने वाले पानी लाकर आग बुझाने का प्रयास किया। गंज क्षेत्र के कुछ व्यापारी भी अपनी दुकानों में लगे अग्निशमन यंत्र लेकर पहुंचे और आग बुझाने में सहयोग दिया। प्रत्यक्षदर्शी सचिन जैन ने बताया कि तीसरे डिब्बे को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था, लेकिन लोगों ने उसकी आग को बुझाकर पूरी तरह जलने से बचा लिया। मौके पर रेलवे के अधिकारियों के अलावा जीआरपी, आरपीएफ की टीम पहुंचकर जांच शुरू की।
तकनीकी अधिकारियों की टीम जांच करेगी
मध्य रेलवे के नागपुर मंडल के पीआरओ अमोल गेहूंकर ने बताया कि बैतूल-छिंदवाड़ा पैंसेजर के डिब्बों में आग लगने घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया है। तकनीकी अधिकारियों की टीम बनाकर जांच कराई जाएगी। आरंभिक रूप से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दो डिब्बे पूरी तरह से जल गए हैं और एक को आंशिक रूप से जलने के बाद बचा लिया गया है। जांच के बाद ही घटना के कारण और क्षति का अनुमान लगाया जा सकेगा। बताया गया है कि ट्रेन तीन घंटे से अधिक समय तक बैतूल रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के पास लूप लाइन पर खड़ी रहती है। इसी दौरान कोई डिब्बों में पहुंचा होगा और बीड़ी, सिगरेट पीने के बाद उसे जलता हुआ छोड़ दिया होगा। इससे धीरे-धीरे आग सुलग गई होगी।
पैसेंजर ट्रेन में आग लगने की सूचना मिलने के बाद रेलवे द्वारा तैयार किए गए अग्नि प्रकल्प को आमला से बुलाया गया और आग बुझाई गई। दो डिब्बे एस-4 आर एस 5 पूरी तरह से जल गए हैं।
- वीके सूर्यवंशी, सेफ्टी आफिसर मध्य रेलवे नागपुर मंडल।