क्षतिग्रस्त नहर से फसलें बर्बाद
विभाग नहीं दे रहा ध्यान
आठनेर(निप्र)। आठनेर से 18 किलोमीटर दूर बने मारू डेम से आने वाली नहरों के जगह-जगह से क्षतिग्रस् त होने से क्षेत्र के किसान खासे परेशान है। क्षतिग्रस्त नहर के चलते किछ किसान पानी नहीं मिलने से परेशान है तो कुछ खेतों में पानी भर जाने से। क्षतिग्रस्त नहर से बह रहा पानी किसानों के खेतों में जमा हो रहा है। इससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल गलने लगी है। किसानों ने शीघ्र नहर मरम्मती की मांग की है।
सामनेर के किसान जीवन धाकड़े, वासुदेव झपाटे, कृष्णा बोरबन, पृथ्वीनाथ, मिश्री बोरबन ने बताया कि मारू डेम से आने वाली नहर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। क्षतिग्रस्त नहर से नहर से दूर के खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है। इससे किसानों की फसल सूख रही है। वहीं नहर के पास वाले खेतों में क्षतिग्रस्त नहर का पानी जमा होने लगा है। इससे खेतों में लगी गेहूं की फसल अब गलने लगी है। पानी के अधिक रिसाव से किसान खासे परेशान है। वहीं खेतों तक पहुंचने वाले मार्ग भी अब पानी से खराब हो गए हैं। इससे खेतों में पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। किसानों ने बताया कि इस संबंध में इंजीनियर एवं अनुविभागीय अधिकारी को शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं कुछ किसानों ने नहर को 600 मीटर तक बढ़ाने की मांग की थी, इस पर विभाग का कहना है कि डेम में पानी कम होने के चलते नहर को नहीं बढ़ाया जा सकता। वहीं किसानों ने आरोप लगाया कि विभाग क्षेत्र के किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। वर्तमान में डेम से मात्र 30 प्रतिशत पानी ही खाली हुआ है। ऐसे में नहर को बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं आएगी। क्षेत्र के किसानों ने क्षतिग्रस्त नहर से व्यर्थ बह रहे पानी को शीघ्र रोकने एवं बर्बाद हो रही फसल को बचाने की मांग की है।