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नईदुनिया प्रतिनिधि, भिंड। शहर में सीवर प्रोजेक्ट के पहले चरण का कार्य इतने घटिया तरीके से कराया गया है कि आए दिन नई-नई समस्याओं का सामना शहरवासियों को करना पड़ रहा है। प्रोजेक्ट के तहत सड़कों की खुदाई करने के बाद रेस्टोरेशन के कार्य में लापरवाही बरती गई। नतीजा जिन सड़कों का निर्माण कार्य सात से आठ माह पहले हुआ वह अब धंसना शुरू हो गई हैं। वहीं इन गड्ढों में वाहनों के पहिए फंस रहे हैं।
बता दें कि सीवर प्रोजेक्ट के पहले चरण पर 92 करोड़ रुपये खर्च किए गए। पहले चरण में कागजों में 15 हजार घरों में सीवर के कनेक्शन दिए गए। इसका काम नगरीय प्रशासन विभाग ने आरबीआइपीपीएल एसआरसीसी कंपनी को दिया गया था, लेकिन पहले चरण में कराए गए कार्य की गुणवत्ता की जांच को लेकर नगरीय प्रशासन ने जरा भी ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि शहर में डाली गई सीवर लाइन फेल होती जा रही हैं। चेंबर से लेकर ढक्कन टूट रहे हैं।
सीवर का गंदा पानी सड़कों से होकर लोगों के घरों की दहलीज तक पहुंच रहा है। वहीं जब वार्डवासी इसकी शिकायत नगर पालिका के अधिकारियों से करते हैं तो सीवर की सफाई कराने से लेकर मेंटेनेंस की जिम्मेदारी नपा अफसर प्रोजेक्ट का काम देखने वाली कंपनी की बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इस वजह से स्थानीय रहवासी काम कराने के लिए इधर से उधर भटकते रहते हैं।
सीवर प्रोजेक्ट के घटिया कार्य की परतें अब खुलने लगी हैं। शहर के सदर बाजार, महावीर गंज, इंदिरा गांधी चौराहे से परेड चौराह, हनुमान बजरिया, नयापुरा सहित अन्य स्थानों पर रहने वाले लोग सीवर के घटिया निर्माण की वजह से परेशानी से जूझ रहे हैं। यहां सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर हिलोरे मार रहा है। बाजार में तो हालत यह है कि दुकानदारों व ग्राहकों को गंदे पानी के बीच से होकर आवागमन करना पड़ रहा है। बतादें कि सीवर निर्माण के बाद पाइपों के अंदर सीमेंट, पत्थर, गिट्टी आदि की सफाई नहीं की गई है। कई जगह सीवर का लेबल ठीक न होने की वजह से यह समस्या बनी हुई है।
सीवर प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम शुरुआत से लेकर अंत तक कंपनी के द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया है कि प्रोजेक्ट के तहत कौन-कौन से कार्य कार्य कराए जाना है। इनमें कौन सा कार्य किस गुणवत्ता से कराया जाएगा। कई बार शहरवासियों ने कराए जाने वाले कार्य की गुणवत्ता को लेकर नगर पालिका के अधिकारियों से सवाल पूछे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जबकि पहले चरण के तहत शहर कराए जाने वाले कार्य की मानिटरिंग कराए जाने के लिए नपा के इंजीनियर्स को नियुक्त किया गया था।
- गोल मार्केट से गौरी सरोवर को जोड़ने वाले सड़क जगह-जगह धंसने लगी है। गड्ढों को गिट्टी व पत्थर डालकर भर दिया गया है।
- इंदिरा गांधी चौराहे से अग्रसेन चौराहे को जोड़ने वाले मार्ग के बीच ऊषा कॉलोनी को जोड़ने वाली रोड पर धंसने लगी है।
- नयापुरा से वनखंडेश्वर मंदिर को जोड़ने वाला मार्ग।
- झांसी रोड, हाउसिंग कालोनी, चोरी गली सहित अन्य गली - मोहल्लों में सीवर लाइन बिछाने के बाद रेस्टोरेशन का कार्य बहुत ही घटिया तरीके से किया गया।
अगर सीवर प्रोजेक्ट की वजह से कोई सड़क धंसक रही तो इसके मेंटेनेंस कराए जाने की जिम्मेदारी सीवर प्रोजेक्ट का काम देखने वाली कंपनी की है। इस संबंध में कंपनी के अफसरों को अवगत कराया जाएगा। - यशवंत वर्मा, सीएमओ नपा भिंड