मौ(नईदुनिया प्रतिनिधि)। झिलमिल नदी पर तैयार हो रहे पुल का निर्माण दो साल से रुका पड़ा है। इस वजह से वाहन चालकों को मजबूरी में जर्जर रपटे से आवागमन करना पड़ रहा है। जो कि खतरनाक है। अधूरे पड़े पुल का निर्माण कराए जाने को लेकर स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन सुनवाई आज तक नहीं हुई।
बता दें कि वर्ष 2019 में शासन की मंजूरी के बाद झिलमिल नदी पर 6 करोड़ रुपये की लागत से सेतु निगम द्वारा नवीन पुल बनाने का काम शुरू किया गया था। पुल का काम एक वर्ष में पूरा होना था। लेकिन पिछले दो साल से पुल का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में नगरवासियों को नदी पर बने पुराने रपटे के ऊपर से ही रोजाना आवागमन करना पड़ रहा है। वहीं मौ क्षेत्र के रूपावई गांव से निकली बरवा नदी पर भी सेतु निगम द्वारा नवीन पुल का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन पिछले दो साल से पुल का काम बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दो साल पहले जब नदी पर पुल बनाने का काम शुरू हुआ था। उस वक्त हम ग्रामीणों में खुशी थी कि अब नदी के अंदर से आवागमन नहीं करना पड़ेगा। लेकिन दो साल से काम बंद होने से हम ग्रामीणों को रोजाना नदी के अंदर से आवागमन करना पड़ रहा है।
रपटे पर आ जाता है पानी
बता दें कि बारिश के सीजन में जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो नदी पर बना रपटा पानी में डूब जाता है। ऐसी स्थिति में प्रशासन द्वारा रपटे के ऊपर से आवागमन पूरी तरह बंद करा दिया जाता है। इसके अलावा रपटा काफी पुराना होने के साथ जर्जर भी हो चुका है, जो कभी भी धराशायी हो सकता है। इस बात का ध्यान रखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को रपटे के ऊपर से भारी वाहनों के आवागम को बंद करा देना चाहिए।
शेष कार्य पूरा करने की ओर ध्यान नहीं
मौ निवासी देवेंद्र सिंह गुर्जर, इकबाल खान, धर्मेंद्र बाबा का कहना है कि सेतु निगम द्वारा अभी तक 70 फीसदी काम किया गया है। 30 फीस दी काम पिछले एक साल से अधूरा पड़ा हुआ है। नगरवासियों के द्वारा पुल बनाने का काम फिर से शुरू कराने के लिए सीएम हेल्पलाइन से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है। मगर उसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।