नईदुनिया प्रतिनिधि, भिंड: ग्वालियर-चंबल अंचल में पिछले दिनों बारिश के बाद जिले की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। 24 घंटे में क्वारी नदी खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे बह रही है। वहीं चंबल 6.15 मीटर और सिंध नदी 8.67 मीटर नीचे बह रही है।
बता दें कि नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने आसपास रह रहे ग्रामीणों को अलर्ट किया है। साथ ही एसडीईआरएफ और होमगार्ड सहित सुरक्षाबल अलर्ट कर दिया है।
सिंध नदी किनारे के भिंड के मड़नई, जखमौली, खेराश्यामपुरा, ककहरा और टेहनगुर गांव में बाढ़ का खतरा रहता है। मेहगांव के सांदुरी, बझरौली, बछरेटा, बरैठीखुर्द, बरैठीराज, खेरिया सिंध और कछार।
रौन के इंदुर्खी, कोंध की मढ़ैया, निबसाई, महायर, रेंवजा, मोहदा, पढ़ौरा, दोहई, हिलगवां। लहार के लिलवारी, लगदुआ, बरहा, केशवगढ़, अजनार, रोहानीसिंग पुरा, मड़ोरी और सिजरौली
चंबल नदी किनारे के भिंड के ज्ञानपुरा और बरही। अटेर के मुकुटपुरा, कछपुरा, खेराहट, नावली वृंदावन, मघेरा का दिन्नपुरा, नखलौली की मढ़ैया, कोषण की मढ़ैया, चिलोंगा, रमा का कोट, तरसोखर, नावलीहार, आकौन, अहरौली काली, गड़ेर, चौम्हो, सूरजपुरा, विंडवा, कनैरा गांव में बाढ़ आने का खतरा रहता है।
क्वारी नदी किनारे के भिंड के बघेड़ी, ईगुरी, बगुलरी, कचोंगरा, परसोना, मिरचौली, बझाई का गुवरिहाई, रमपुरा का नागौर। गोरमी के हरीक्षा, सिकरौदा, परोसा, सुकांड, आरोली, खेरा, कुटरोली, कचनावखुर्द, चंदेनी।
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इसे लेकर प्रशासन का कहना है कि कोटा बैराज से 8700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बारिश का पानी भी चंबल नदी में आया है, जिससे यह स्थिति बनी है। हालांकि खतरे की कोई बात नहीं है। जब कोटा बैराज बांध से 7 से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है तब खतरा बढ़ता है।
भिंड सिंचाई विभाग के ईई, नरेश सिंह चौहान का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण नदियों में पानी बढ़ा है। अभी बाढ़ जैसा खतरा नहीं है। फिर भी नदी किनारे बसे ग्रामीण सतर्क रहें।