शिवम पाण्डेय, नईदुनिया : भिंड। चंबल नदी और बीहड़ पर्यटकों के लिए हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं। अब पर्यटक नदी किनारे ऊंट सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। दूर-दूर तक फैले रेत, कल-कल करता चंबल का पानी, तेज हवा के झोंके का आनंद पर्यटक कैंपिंग करके ले सकेंगे।
पर्यटन विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी है। वन विभाग की देखरेख में इसको विकसित किया जाएगा। वन मंडलाधिकारी ने बताया कि नवंबर माह से नदी किनारे सफारी शुरू कराए जाने की योजना है। जिले की अटेर तहसील में चंबल नदी किनारे ऐतिहासिक किले के पास ऊंट सफारी शुरू कराए जाने को लेकर जगह चिह्नित की गई है। ऊंट सफारी के साथ-साथ यहां खाने-पीने की चीजों के स्टाल भी लगाए जाएंगे। इस सफारी में सैलानी रात के समय चंबल नदी किनारे रुक कर प्रकृति का आनंद ले सकेंगे।
जिस तरह से उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा नदी किनारे कैंपिंग की जाती है, उसी तर्ज पर चंबल नदी किनारे कैंपिंग शुरू कराए जाने की योजना है। कैंप में बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पर्यटक सर्दियों में अलाव के बीच संगीत के साथ व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सफारी में ऊंट रखे जाने को लेकर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह से सफारी में खाने-पीने सहित अन्य के स्टाल लगाने की योजना है। अटेर में सफारी शुरू होने से एक तरफ जहां रोजगार के अवसर पर बढ़ेंगे, वहीं दूसरी तरफ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
अटेर में ऊंट सफारी शुरू कराए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने अनुमति दे दी है। फिलहाल नवंबर माह में सफारी शुरू कराए जाने की योजना तैयार की गई है।
-मोहम्मद माज, वन मंडलाधिकारी