नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल में मेट्रो रेल लाइन का काम तेजी से किया जा रहा है।जहां एक तरफ सुभाष नगर से एम्स तक मेट्रो जल्द से जल्द शुरू करने की कवायद तेज हो गई है तो वहीं करोंद से एम्स के बीच भी मेट्रो की आरेंज लाइन का काम भी तेजी से शुरू कर दिया गया है।
बैरसिया रोड स्थित करोंद चौराहा पर ऑरेंज लाइन के पिलर तेजी से खड़े हो रहे हैं तो वहीं अब बोगदा पुल ऐशबाग से कृषि उपज मंडी करोंद तक मेट्रो लाइन बिछाने के लिए लगभग 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान भूमि स्वामियों से आपसी क्रय नीति के तहत जमीन ली जाएगी।
जानकारी के अनुसार बोगदा पुल ऐशबाग, भोपाल रेलवे स्टेशन, नादरा बस स्टैंड, सिंधी कालोनी, डीआईजी बंगला और कृषि उपज मंडी करोंद के बीच भी मेट्रो रेल लाइन के मार्ग में करीब 100 प्रापर्टी की करीब 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। अब तक 30 लोगों ने आपसी क्रय नीति से जमीन देने की सहमति पेश की है। इनकी प्रापर्टी का मूल्यांकन कर उन्हें वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन दाम से दोगुना राशि दी जाएगी। जिसके तहत जमीन मालिक सीधे मेट्रो रेल कंपनी के नाम रजिस्ट्री करा देगा।
ऐसा करने से अधिग्रहण की प्रक्रिया में लगने वाला एक साल से अधिक का समय बचाया जा सकेगा। वहीं ऐसे लोग जो आपसी सहमति से जमीन देने के लिए तैयार नहीं है, उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जिसके लिए एसडीएम स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 60 दिन का समय दिया गया था, जो कि पूरा होने वाला है।इसके बाद से अगले दो महीने में अधिग्रहण की कार्रवाई शुरु होगी।
समा फारेजी कंपनी लिमिटेड नई दिल्ली, हर हाईनेस मेहताज नवाब शाजिया सुल्तान बेगम, कृषि उपज मंडी समिति सहित प्राइवेट जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। रेलवे, शमशान, नाला, कब्रिस्तान, आबादी, जीएस आइल मिल, नवाब साजिदा सुल्तान बेगम, औकाफ, नर्मदा बैली प्रोडक्शन कंपनी, पुद्रा मिल, अलका गृह निर्माण सहकारी समिति, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मैदा मिल, परमाली वेलेस प्राइवेट लिमिटेड और पीडब्ल्यूडी की जमीन शामिल है।
अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी
शहर में मेट्रो रेल लाइन का काम तेजी से किया जा रहा है, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा अपनी तरफ से पूरा सहयोग किया जा रहा है। जहां भी जमीन की आवश्यकता होती है उसे मेट्रो के लिए उपलब्ध करवाया गया है। अब कंपनी सरकारी विभाग और निजी जमीनों की जरूरत बताई है। जिसके आधार पर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। - कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर