नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। जिले में पंचायत सचिवों को इधर से उधर करने का सिलसिला जारी है। इसी के तहत मंगलवार देर रात 13 पंचायत सचिवों के तबादला आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे पहले 10 जून को जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप ने 30 सचिवों के तबादला आदेश जारी करते हुए सूची जारी की थी। इस तरह अब तक कुल 43 सचिवों का तबादला किया जा चुका है लेकिन हैरत की बात यह है कि सचिव पुरानी पंचायतों को छोड़ने को तैयार नहीं है।
आदेश के बाद भी वह यथावत अपना काम कर रहे हैं। इसी कारण शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि पंचायत सचिव जब नई पंचायत का कार्यभार संभालेंगे तब ही उनको वेतन व अवकाश मिलेगा। तबादला आदेश रूक-रूककर जारी किए जा रहे हैं इससे स्पष्ट है कि क्राइटेरिया के साथ ही जनप्रतिनिधियों की पसंद का ध्यान भी रखा गया। भोपाल में कुल 222 ग्राम पंचायतें हैं, इनमें 126 बैरसिया जनपद की और 96 फंदा जनपद की शामिल हैं।
जिन ग्राम पंचायतों को एक पंचायत से दूसरी पंचायत में भेजा गया है, उन्हें 14 दिन के अंदर काम संभालना होगा। अपनी उपस्थिति लिखित में देना होगी। तबादला वाली ग्राम पंचायत में यदि किसी ग्राम के सचिव के नातेदार पंचायत का पदाधिकारी चुन लिया गया हो या पूर्व से हो तो ऐसी पंचायत में किया गया तबादला स्वत: ही निरस्त माना जाएगा। किसी भी पंचायत सचिव का उसकी पैतृक या ससुराल की ग्राम पंचायत में किया गया तबादला भी निरस्त माना जाएगा। समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
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