
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में नल से जल पहुंचाने के लिए संचालित जल जीवन मिशन के अब तक 80 लाख 52 हजार 82 घरों में कनेक्शन दिए जा चुके हैं। 72 प्रतिशत से अधिक प्रगति के साथ मध्य प्रदेश देश में अग्रणी राज्य बन रहा है। क्रियान्वयन में विलंब करने के कारण अब तक 280 एजेंसियों और 22 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने के साथ अनुबंधों को निरस्त किया गया गया है। गुणवत्ताविहीन सामग्री आपूर्ति तथा निविदा प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले 10 अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है तो फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के मामले में ठेकेदार के विरुद्ध सीबीआई ने केस भी दर्ज किया है।
अब तक लगभग 30 करोड़ की पेनाल्टी भी एजेंसियों पर लगाई गई है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन द्वारा की गई जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान दी। प्रमुख सचिव पी नरहरि ने बताया कि जिला समितियों से 8,358 एकल ग्राम नल जल योजनाएं पुनरीक्षित कराई गईं। समिति के प्रतिवेदन पर उपयंत्री से लेकर कार्यपालन यंत्री स्तर तक के 141 अधिकारियों को ग्रामों की मूल योजनाओं की त्रुटिपूर्ण विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार का दोषी पाते हुए कारण बताओ नोटिस दिए गए।
साथ ही इन्हें तैयार करने वाली 187 एजेंसियों को नोटिस दिए गए हैं। मिशन के अंतर्गत कुछ एकल ग्राम नल जल योजनाओं में कुछ मजरे, पारे, टोलों के छूट जाने का मामला संज्ञान में आया था, जिसके फलस्वरूप कुछ ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्राप्त न होने की शिकायतें आ रही थीं। इस समस्या और शिकायत मांग के संदर्भ में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए थे कि योजनाओं के पुनरीक्षित होने के कारणों का योजनावार परीक्षण और सत्यापन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं मध्य प्रदेश जल निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से करवाया था।
उन्होंने निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन की शेष योजनाओं में कार्य की गति बढ़ाई जाए। गुणवत्ता नियंत्रण एवं नियमित पुनरीक्षण की सभी प्रक्रियाओं को मजबूती से लागू किया जाए। मिशन के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता रहे तथा किसी भी स्तर पर लापरवाही के लिए जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जाए।