भोपाल रेल मंडल में सात महीने में चेन पुलिंग के 3300 मामले, दर्जनों को भेजा जेल
चेन पुलिंग के पीछे देरी से स्टेशन पहुंचना, नींद में डेस्टिनेशन चूकना, या गलत ट्रेन में चढ़ना जैसे कारण प्रमुख हैं। एक बार की चेन पुलिंग से ट्रेन 5 से 7 मिनट तक लेट होती है। यदि यह घटना दो-तीन बार हो और बीच-बीच के स्टेशनों पर भी हो, तो ट्रेन एक घंटे तक विलंबित हो सकती है।
Publish Date: Tue, 12 Aug 2025 11:36:32 PM (IST)
Updated Date: Wed, 13 Aug 2025 12:38:38 AM (IST)
भोपाल में बढ़े चेन पुलिंग के मामले।HighLights
- जनवरी से जुलाई में बढ़ा इसका दुरुपयोग।
- आरपीएफ ने चलाया जागरूकता अभियान।
- पकड़े गए आरोपियों पर हुई कड़ी कार्रवाई।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल रेल मंडल में अनधिकृत रूप से चेन पुलिंग के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। जनवरी से जुलाई के बीच 3,300 मामले सामने आए, जिनमें 2,981 यात्रियों को पकड़कर रेलवे कोर्ट भोपाल में पेश किया गया। कोर्ट ने इन पर जुर्माना और सजा की कार्रवाई की, जबकि 402 मामलों की जांच जारी है। अब तक एक दर्जन से अधिक यात्रियों को कारावास की सजा भी सुनाई जा चुकी है।
आरपीएफ ने इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष जागरूकता और चेकिंग अभियान शुरू किया है। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अभिषेक के मार्गदर्शन में विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों को नियमों की जानकारी दी जा रही है और अलार्म चेन के अनुचित उपयोग पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
अभिषेक ने बताया कि इमरजेंसी अलार्म चेन का उद्देश्य केवल गंभीर आपात स्थितियों में ट्रेन रोककर यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल समयबद्ध संचालन और यात्रियों की सुविधा पर गंभीर असर डाल रहा है।
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एक बार की चेन पुलिंग से ट्रेन 5 मिनट लेट होती है
- चेन पुलिंग के पीछे देरी से स्टेशन पहुंचना, नींद में डेस्टिनेशन चूकना, या गलत ट्रेन में चढ़ना जैसे कारण प्रमुख हैं। एक बार की चेन पुलिंग से ट्रेन 5 से 7 मिनट तक लेट होती है।
- यदि यह घटना दो-तीन बार हो और बीच-बीच के स्टेशनों पर भी हो, तो ट्रेन एक घंटे तक विलंबित हो सकती है।
- इसका असर न केवल उस ट्रेन, बल्कि पीछे आने वाली ट्रेनों पर भी पड़ता है।
- आरपीएफ ने रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत 100 प्रतिशत मामलों में यात्रियों को पकड़ा और उन पर जुर्माना तथा सजा दी।
- प्रभावित स्टेशनों और ट्रेनों को चिह्नित कर रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। रेलवे लगातार अनाउंसमेंट और अभियान के जरिए यात्रियों को जागरूक कर रहा है।