राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के बदनाम चेकपोस्टों को बंद करने के बाद नई चेक प्वाइंट की जो व्यवस्था सरकार ने लागू की है, उनसे पिछले एक साल में 31 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिल चुका है। परिवहन विभाग की सूची में 55 चेक प्वाइंट शामिल हैं, लेकिन इनमें 51 ही सक्रिय हैं। इन 51 चेक प्वाइंट से राजस्व मिल रहा है। इन्हीं 51 प्वाइंट से नई व्यवस्था से पहले चेक पोस्ट के तौर पर राजस्व आता था।
विधानसभा में यह लिखित जानकारी प्रदेश के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप ने कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया के चेक प्वाइंट व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लिखित में दी। जानकारी में किन चेक प्वाइंटों पर कौन कौन तैनात है, यह भी बताया गया है। विधानसभा में लगे अतारांकित प्रश्न में यह पूछा गया कि प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 से अंतरराज्यजीय चेक पोस्ट के हटाए जाने के बाद से परिवहन विभाग ने प्रदेश से लगने वाले अन्य राज्य की सीमा पर जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वाड और अन्य कार्य के लिए कौन-कौन से अधिकारी व कर्मचारियों को नियुक्त किया है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से प्रदेश के चेक पोस्टों को बंद कर दिया था, जिसके बाद नई व्यवस्था के तहत परिवहन चेक प्वाइंट शुरू किए गए। इन परिवहन चेकप्वाइंट को अत्याधुनिक ढंग से संचालित करने का दावा किया गया था लेकिन बजट व संसाधनों की कमी के कारण यह समय पर संचालित नहीं हो सके थे। इन चेक प्वाइंटों पर मानव रहित कार्रवाई को बढ़ावा दिया जाना लक्ष्य है।
मालथोन चेक प्वाइंट पर सबसे ज्यादा राजस्व परिवहन विभाग के सागर जिले के मालथोन चेक प्वाइंट पर सबसे ज्यादा राजस्व मिला है, मालथोन चेक प्वाइंट पर पिछले एक साल में पांच करोड़ 58 लाख रुपये का राजस्व मिला है। इसके बाद सेंधरा दो करोड़ 94 लाख रुपये, इसके बाद पिटोल दो करोड़ 30 लाख व खवासा चेक प्वाइंट पर दो करोड़ 16 लाख से ज्यादा का राजस्व मिला है।
परिवहन उप निरीक्षक कर रहे नेतृत्व प्रदेश के परिवहन विभाग के चेक प्वाइंटों पर परिवहन उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को तैनात किया गया है। उप निरीक्षक के नीचे तीन से चार आरक्षक शामिल हैं। कहीं-कहीं चेक प्वाइंट टीम में परिवहन निरीक्षक भी शामिल किए गए हैं।
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