अंजली राय, नईदुनिया भोपाल। देश भर में सबसे अधिक सरकारी स्कूल और शिक्षक मध्यप्रदेश में हैं। उसी मध्यप्रदेश में 463 स्कूल ऐसे भी हैं जहां इस साल एक भी नये बच्चे ने प्रवेश नहीं लिया है। देश भर में यह तीसरा प्रदेश है जहां इतनी बड़ी संख्या में स्कूल नये विद्यार्थियों के प्रवेश से वंचित रह गए हैं। यह तस्वीर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफार्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन (यूडाइस) रिपोर्ट में सामने आई है।
इस सूची में पहले स्थान पर पश्चिम बंगाल है जहां 3812 स्कूलों में नया प्रवेश नहीं हुआ है। वहीं दूसरे स्थान पर तेलंगाना है जहां शून्य प्रवेश वाले स्कूलों की संख्या 2245 है। प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 223 स्कूलों विद्यार्थी ही नहीं है। वहीं सात हजार 217 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। एक शिक्षक वाले स्कूल में मप्र देश भर में पांचवें नंबर पर है। प्रदेश में पहली से 12वीं तक के एक लाख 22 हजार सरकारी स्कूल है। इनमें करीब सात लाख शिक्षक हैं। यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है।
सरकार बच्चों को आकर्षित करने के लिए निश्शुल्क पुस्तकें और गणवेश देती है। मध्याह्न भोजन की सुविधा है। नये प्रवेश बढ़ाने के लिए स्कूल चलें हम और गृह संपर्क जैसे अभियान भी चलाए गए। मंत्री, जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी तक मैदान में उतरे, लेकिन प्राथमिक स्तर पर नामांकन की दर में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उनकी कोशिशों से नामांकन की दर बढ़ी है। पिछले साल 1200 से अधिक स्कूलों में नया प्रवेश नहीं हुआ था। इस साल यह संख्या तीनल गुना तक कम हुई है।
भोपाल जिले में 771 प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें 44 स्कूलों में पहली कक्षा में शून्य प्रवेश हुआ। जबकि, 178 स्कूलों में एक और 225 स्कूलों में दो विद्यार्थी हैं।
केंद्र की यूडाइस रिपोर्ट में इस बार स्कूलों की संख्या कम हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल एक हजार 392 स्कूल कम हुए हैं। वहीं शिक्षकों की संख्या 78 हजार 968 बढ़ी है।
-बच्चों का अपने माता-पिता के साथ दूसरे जगह काम के सिलसिले में जाने के कारण।
-समग्र आइडी से मैपिंग नहीं होने के कारण भी ऐसे हालात बन जाते हैं।
-जगह बदलने के कारण भी बच्चे ठीक से मैप नहीं हो पाते हैं।
पश्चिम बंगाल - 3812
तेलांगना - 2245
मध्यप्रदेश - 463
तमिलनाडु - 311
राजस्थान - 215
आंध्रप्रदेश - 12,912
उत्तरप्रदेश - 9,508
झारखंड - 9,172
महाराष्ट्र - 8,152
मध्यप्रदेश - 7217
2022-23 - 66 लाख
2023-24 - 63 लाख
2024-25 - 58 लाख
2025 - 26 -57 लाख
केंद्र के 2024-25 के आंकड़ें सरकारी स्कूलों की संख्या - 1,22,120
शिक्षकों की संख्या - 7,17,493
विद्यार्थियों की संख्या - 1,51,72,607
कितने बच्चों पर एक शिक्षक - 21
एक शिक्षक के भरोसे स्कूल - 7,217
एकल शिक्षक वाले स्कूलों में कितने बच्चे - 2,29,095
पिछले साल की अपेक्षा नामांकन दर में बहुत सुधार हुआ है। पिछले साल 1211 स्कूल ऐसे थे, जिनमें शून्य प्रवेश था। गृह संपर्क अभियान या समग्र आइडी से मिलान की प्रक्रिया जारी है। आंकड़ों में और सुधार होगा। - डॉ. संजय गोयल, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग