नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अपने 90 डिग्री मोड़ की वजह से देश भर में चर्चित हुए ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को सुधारने का खाका तैयार है। इसकी डिजाइन पर काम अंतिम चरण में है। इस सप्ताह इस डिजाइन को अंतिम रूप देने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इसका प्रस्तुतिकरण उच्च स्तरीय समिति के सामने देगा। वहां से मंजूरी मिली तो सुधार का काम शुरू हो जाएगा।
ज्ञात हो कि करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से बने ऐशबाग आरओबी का लोकार्पण 15 जून तक प्रस्तावित था। इस बीच 90 डिग्री का अजूबा मोड़ लोगों की नजर में आया। इसके बाद देश भर में लोनिवि के अभियंताओं की समझ और कार्यप्रणाली पर सवाल उठे। बदनामी बढ़ी तो सरकार ने इस परियोजना से जुड़े सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंजीनियरों से दो टूक कह दिया था कि मोड़ को बिना सुधारे पुल पर यातायात शुरू नहीं होगा। इसके बाद मोड़ को सुधारने के लिए नए डिजाइन पर काम शुरू हुआ। लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और रेलवे के अधिकारियों ने कई बार सर्वे किया। अब वह डिजाइन अंतिम रूप लेने जा रहा है।
वैसे पिछले सोमवार को आयोजित एक कार्यशाला में सभी इंजीनियरों को इंजीनियरिंग के मानकों का पालन करने और भविष्य में इस तरह की तकनीकी त्रुटियों से बचने का पाठ पढ़ाया गया। अब देखना यह है कि नए डिजाइन के फाइनल होने के बाद तीखे मोड़ में कितना सुधार होता है। फिलहाल डिजाइन किस तरह का बनाया जा रहा है इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
सुरक्षा की दृष्टि से पुल के दोनों छोर पुल बोगदा और ऐशबाग की तरफ पर टीन लगाकर रास्ते बंद कर दिए गए हैं, ताकि कोई गलती से भी ब्रिज पर न चढ़ सके। सुधार कार्य पूरा होने के बाद ही इस पुल को यातायात के लिए खोला जाएगा। पीडब्ल्यूडी का दावा है कि इस बार डिजाइन में सुरक्षा और सहज आवाजाही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
इनका कहना है
कमेटी की हरी झंडी मिलने के बाद रेलवे से ब्लाक मांगा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द काम शुरू हो सके। रेलवे की तरफ से ब्लाक देने में किसी तरह की देरी की संभावना नहीं है।
पीसी वर्मा,चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी सेतु