Acharya Vidyasagar Maharaj: आचार्य विद्यासागर के ब्रह्मलीन होने पर मप्र में आधे दिन का राजकीय शोक, अंतिम यात्रा में मंत्री काश्यप होंगे शामिल
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य विद्यासागर जी का समाधि पूर्वक देहविलय जैन समाज के साथ ही राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 18 Feb 2024 12:42:26 PM (IST)
Updated Date: Sun, 18 Feb 2024 12:42:26 PM (IST)

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। संत 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि पूर्वक देहविलय पर मध्य प्रदेश में आधे दिन का राजकीय शोक रहेगा। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य विद्यासागर जी का समाधि पूर्वक देहविलय जैन समाज के साथ ही राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। पवित्र आत्मा के सम्मान में राज्य सरकार द्वारा आधे दिन का राजकीय शोक रखा गया है। मध्य प्रदेश शासन की ओर से कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप, महाराज की अंतिम यात्रा में सम्मिलित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा है कि आचार्य विद्यासागर जी का मध्य प्रदेश के प्रति विशेष स्नेह रहा है। मध्य प्रदेश वासियों को उनका भरपूर आशीर्वाद मिला। उनके सद्कार्य सदैव प्रेरित करते रहेंगे। आचार्य जी का संयमित जीवन और विचार सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।
तप, ज्ञान, करुणा की प्रतिमूर्ति थे आचार्य - वीडी शर्मा
इधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव प्रवर श्री 108 विद्यासागर महामुनिराज जी की संलेखना पूर्वक समाधि का समाचार हम सभी के लिए पीड़ादायक है। पूज्य आचार्य भगवंत तप, ज्ञान, संयम, आराधना और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। पूज्य आचार्य भगवंत के श्रीचरणों में कोटि - कोटि नमन। नमोस्तु गुरुदेव!
जीते-जागते परमात्मा थे आचार्य - शिवराज
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे जीवन में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्य प्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला। आचार्य श्री के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था। उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था। उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य श्री जीते-जागते परमात्मा थे। उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी।