
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर सरकारी धन की लूट और मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ दक्ष आयुष्मान फ्रेमवर्क के तहत बड़ा शिकंजा कसा गया है। स्टेट हेल्थ एजेंसी ने जांच में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर प्रदेश के नौ अस्पतालों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
वहीं, नोटिस थमाए गए अन्य 28 अस्पतालों के भविष्य पर सोमवार को उनके जवाब के आधार पर फैसला लिया जाएगा। जांच में कई अस्पताल भौतिक रूप से बंद पाए गए, लेकिन आयुष्मान पोर्टल पर वे सक्रिय थे और लगातार क्लेम कर रहे थे। कुछ अस्पतालों में डॉक्टर केवल कागजों तक सीमित मिले, मौके पर एक भी विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। इतना ही नहीं मरीजों को जबरन आईसीयू में भर्ती दिखाकर सरकार से मोटी रकम ऐंठने का खेल भी उजागर हुआ है।
इस बार फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए तकनीक का सहारा लिया गया है। 'दक्ष आयुष्मान' मॉडल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सिस्टम संदिग्ध डेटा का विश्लेषण करता है, जिसके बाद फील्ड टीम मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करती है। इसी व्यवस्था के तहत 57 अस्पतालों की जांच की गई, जिसमें से नौ में सिस्टमेटिक धोखाधड़ी मिलने पर उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया।
सस्पेंड किए गए अस्पतालों में भोपाल के अभिश्री हास्पिटल, एविसेना मल्टीस्पेशलिटी, आयुष हॉस्पिटल, कम्युनिटी वैल्यू स्पेशलिटी, दृष्टि आई केयर, करोंद मल्टीस्पेशलिटी, मैक्स मल्टीस्पेशलिटी, मुस्कान चिल्ड्रन हॉस्पिटल और भोपाल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर शामिल हैं। कई अस्पताल बंद होने के बावजूद क्लेम ले रहे थे।
दक्ष आयुष्मान का उद्देश्य सार्वजनिक धन की सुरक्षा और मरीजों को वास्तविक इलाज दिलाना है। मध्य प्रदेश अब फ्राड-फ्री आयुष्मान योजना की दिशा में गंभीर है। अनियमितता मिलने पर अस्पताल को ब्लैक लिस्ट करने और एफआईआर दर्ज करने तक का प्रावधान है। - योगेश भरसट, सीईओ, आयुष्मान भारत मप्र