राज्य ब्यूरो, नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। वर्दी पहनकर या पुलिस थाने में रील बनाने का शौक पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ेगा। इसे सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन मानते हुए निंदा से लेकर विभागीय जांच और निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है। कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि रील में किस तरह का कंटेंट है। अश्लीलता या पुलिस की छवि खराब करने वाले वीडियो में निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है। रीवा जिले की सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा का एक गाने पर थाने में बनाई गई रील सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई।
इसके बाद डीजीपी कैलाश मकवाणा ने पुलिस अधिकारियों की वर्चुअल बैठक में इस पर सख्ती से रोक लगाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को अनुशासन में रहना चाहिए। कम से कम वर्दी में रहते हुए रील नहीं बनाएं। सभी पुलिस अधीक्षकों को इसके लिए निर्देश जारी करने को कहा है। इसके पहले अंकिता मिश्रा की रील सामने आने के बाद रीवा डीआइजी राजेश चंदेल अपने जोन के सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी कर चुके हैं।
दरअसल, पुलिसकर्मियों द्वारा वर्दी में रील बनाकर इंटरनेट मीडिया में प्रसारित करने का चलन बढ़ता जा रहा है। वर्दी में उन्हें व्यूज, लाइक और कमेंट भी खूब मिलते हैं, पर सरकारी कर्मचारी खासतौर पर वर्दी वाली सेवाओं में इसे अनुशासनहीनता माना जाता है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों में वर्दी में रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है। प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है। पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त थानों में अन्य लोगों की रील भी प्रदेश में सामने आ चुकी है, जो सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं हैं। श्योपुर के ओछापुर थाने में काम करने आए युवकों ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डाला था।
निंदा, कारण बताओ नोटिस, सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि, विभागीय जांच, स्थानांतरण, निलंबन और मामला गंभीर होने पर बर्खास्तगी।
रीवा में सिटी कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक संध्या वर्मा का एक गाने पर वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हुआ। बाद में उन्होंने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया, पर तब तक वीडियो कई प्लेटफार्म में पहुंच गया।
रीवा में ही चोरहटा थाना पुलिस के शासकीय वाहन में हथकड़ी पहने बैठे आरोपितों ने वाहन में ही रील बनाकर सोशल मीडिया में भेजा। पुलिसकर्मी भी उसी वाहन में बैठे हुए थे।