नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने एक 25 साल के युवक को नई जिंदगी दी है। यह युवक बचपन से एक ऐसी बीमारी से परेशान था, जिसमें उसके खून का बहाव रुक जाता था। इसे एक्स्ट्रा हेपेटिक पोर्टल वेन आब्सट्रक्शन कहते हैं। सर्जरी विभाग की टीम ने बड़ी सर्जरी करके उसकी जान बचाई। डॉक्टरों ने उसकी बढ़ी हुई तिल्ली (पेट का एक हिस्सा) निकाली और खून के रास्ते को ठीक करने के लिए एक खास तरीका अपनाया। सर्जरी के बाद युवक अब बिल्कुल ठीक है और जल्द घर जाने को तैयार है।
इस युवक को लंबे समय से पेट में दर्द, कमजोरी और खून की कमी की शिकायत थी। खून का दबाव बढ़ने से उसकी भोजन नली में सूजन हो गई थी, जिसे पहले दो बार छोटे इलाज से ठीक करने की कोशिश की गई। लेकिन आराम नहीं मिला। डॉक्टरों ने ‘स्प्लेनेक्टॉमी’ नाम की सर्जरी की, जिसमें तिल्ली निकालकर खून का रास्ता बदल दिया गया। इससे दबाव कम हुआ और खून बहने लगा। सर्जरी का नेतृत्व कर रहे डॉ. प्रवेश माथुर ने कहा कि छोटे-छोटे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, डॉक्टर से मिलें।
इस सर्जरी में डॉ. प्रवेश माथुर के साथ डॉ. श्रीराम, डॉ. शरथ, डॉ. पवनीत और एनेस्थीसिया टीम के डॉ. अनुज जैन ने मदद की। सर्जरी के बाद युवक का खून और ताकत सामान्य हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर जांच से ऐसी बीमारियां ठीक हो सकती हैं।
किसी भी बीमारी के लिए समय पर जांच और डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है। लोग अपनी सेहत का ध्यान रखें और नियमित चेकअप कराएं। - प्रो. डॉ. माधवानंद कर, कार्यपालक निदेशक, एम्स भोपाल।