
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। दीपावाली के बाद डोल ग्यारस की रात भी राजधानी की हवा में पटाखों का जहरीला धुंआ घुला। आधी रात तक हालात ऐसे हुए कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने रिकार्ड स्तर छू लिया। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण परिसर निगरानी केंद्र ने जो रिकार्ड किया उसके मुताबिक एक्यूआइ 775 तक पहुंच गया था। यह हवा की सबसे खराब श्रेणी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शनिवार-रविवार की रात करीब सवा ग्यारह से लेकर सुबह साढ़े चार बजे तक हवा ‘अति खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
इस दौरान पूरे शहर में धुएं की परत छाई रही और लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, रात 11.15 बजे एक्यूआई 574 दर्ज हुआ, जो रात 12.15 बजे बढ़कर 775 तक पहुंच गया। यह स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। रात एक बजे भी एक्यूआई 775 रहा, जबकि सुबह तीन बजे तक यह 602 और साढ़े चार बजे 513 दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि पूरी रात शहर की हवा खतरनाक स्तर पर रही। जबकि पीसीबी की साइट पर चौबीस घंटे के ओबजरवेशन में एक्यूआइ को संतोषजन दिखाया। जबकि असलियत इसके विपरीत थी।
गौर करने वाली बात यह है कि नगर निगम द्वारा वायु प्रदूषण कम करने के लिए रात 10 बजे से पानी का छिड़काव शुरू किया जाता है, लेकिन उसी समय प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा। इससे साफ संकेत मिलता है कि छिड़काव करने वाले वाहन शोपीस बनकर खड़े रहे।
तड़के सुबह सवा पांच बजे हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा गया और एक्यूआई घटकर 164 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। पीसीबी के अधिकारियों की माने तो रात जलाए जाने वाले पखाटों से निकलने वाले धुआं और राख वातावरण में घुलने से वायु प्रदूषण बढ़ता है ।
रात में चले पटाखों के कारण धुंए की वजह से एक्यूआइ में इजाफा हुआ, लेकिन पानी के छिड़काव की वजह से इसमें जल्द ही सुधार हुआ। सर्दी के दिनों में एक्यूआइ में उतार-चढ़ाव बना रहता है। - बृजेश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी