भोपाल, इंदौर। इंदौर की नेत्री अर्चना जायसवाल को मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मांडवी चौहान के कोरोना से निधन के कारण यह पद रिक्त था। जायसवाल की नियुक्ति से कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को संगठन में प्रमुख स्थान दिया है।
मालूम हो, भाजपा विभिन्न प्रमुख पदों पर जातिगत आधार साधने के लिए नियुक्तियां कर रही हैं। इसी तर्ज पर कांग्रेस ने भी सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाते हुए पिछड़ा वर्ग को संगठन में अहम जगह दी है। अर्चना जायसवाल पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और विभिन्न् दायित्वों का निर्वहन कर चुकी हैं।
इंदौर प्रतिनिधि के अनुसार शहर की कांग्रेस नेता अर्चना जायसवाल को दोबारा महिला कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। इससे पहले जायसवाल कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष भी रही हैं। उन्हें महिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद शोभा ओझा के कार्यकाल के बाद मिला था। वे 2010 से 2015 तक प्रदेश महिला कांग्रेस का नेतृत्व कर चुकी हैं। जायसवाल कांग्रेस में कमल नाथ गुट से जुड़ी मानी जाती हैं।
उनकी नियुक्ति में नाथ की मर्जी को अहम माना जा रहा है। मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्ति की घोषणा के बाद जायसवाल बोलीं मेरी नियुक्ति से संगठन और कमल नाथ को मजबूती मिलेगी। संंगठन ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है उसे बेहतर ढंग से निभाऊंगी। जायसवाल क्षत्रिय कलचुरी समाज से भी जुड़ी हैं और समाज के विभिन्न पदों पर रह चुकी हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी मालिनी गौड़ के समक्ष इंदौर के महापौर पद का चुनाव भी लड़ा था।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से कामगार प्रकोष्ठ में भी मप्र के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें वाइस चेयरमैन केके नीमा, पारस नायक व हेमंत हिरोले, को ऑर्डिनेटर अजय कटारे, सुरेश श्रीवास्तव, अमित सिंह, असलम शेख, दीपक तिवारी व प्रतिभा विक्टर, जनरल सेक्रेटरी रवि यादव, प्रदीप पालिया, सोहेल अल्वी, विष्णु मौरी, रइसा अंसारी व मुकेश खटीक, सेक्रेटरी शबनम खान, गौरव रायकवार, आशिक पटेल, अभिषेक चौरसिया, प्रदीप तिवारी और सुनील यादव को नियुक्त किया गया है।
तबादला महोत्सव की तारीख से पदों की नीलामी की लगी होड़: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मंत्रियों और अफसरों में तबादला उद्योग को लेकर सहमति नहीं बन पाने से तबादला महोत्सव की तारीख सात अगस्त तक बढ़ाई गई है। कई मंत्री गण गुप्त स्थानों पर बैठकर इस महोत्सव को सिद्ध करने में लगे हैं। तारीख बढ़ाने से लेन-देन पीरियड बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कमल नाथ सरकार ने 15 महीने में महज 300 ट्रांसफर किए थे, किंतु भाजपा सरकार ने तो 12 महीने में ही 340 आइएएस अधिकारियों के तबादले कर रिकॉर्ड बना लिया है।
जहरीली शराब की घटना को छिपा रही सरकार : कमल नाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने मंदसौर जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर सरकार पर हमला बोला है। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा कि आबकारी मंत्री के क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मौत के आंकड़े और घटना को दबाने-छिपाने का काम किया जा रहा है, जो शर्मनाक है। सरकार इस घटना पर गंभीर नजर नहीं आ रही है। अभी तक सिर्फ छोटे अधिकारियों पर ही दिखावटी कार्रवाई कर वास्तविक दोषियों व माफिया को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।