MP के मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट से 7 मौतें, अब देशभर में कैथ लैब डॉक्टरों की जांच होगी
मध्य प्रदेश के दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा सर्जरी से सात रोगियों की मौत के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने देशभर के कैथ लैब में काम करने वाले डाक्टरों का सत्यापन कराने के लिए कहा है। आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
Publish Date: Tue, 08 Jul 2025 10:34:01 AM (IST)
Updated Date: Tue, 08 Jul 2025 10:38:46 AM (IST)
दमोह अस्पताल में मौतों के बाद NHRC का आदेश।HighLights
- दमोह के मिशन अस्पताल में सर्जरी के बाद 7 मरीजों की मौत।
- देशभर के कैथ लैब में काम करने वाले डॉक्टरों का होगा सत्यापन।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा की गई दिल की सर्जरी से 7 लोगों की मौत के बाद यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर रूप से लिया गया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने पूरे देश की कैथ लैब्स में कार्यरत डॉक्टरों की योग्यता की जांच के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दमोह के मिशन अस्पताल में डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एन. जान कैम ने लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बताकर कई मरीजों की हार्ट सर्जरी की। मार्च 2025 में हुए इस खुलासे में सात मरीजों की मौत हुई। मामला सामने आने के बाद NHRC ने संज्ञान लिया और राज्य से रिपोर्ट तलब की। जांच में अनियमितताएं, लापरवाही और प्रशासनिक चूक सामने आई।
NHRC ने दिए ये निर्देश
- देशभर में सभी कैथ लैब्स के डॉक्टरों की योग्यता की जांच
- सभी राज्य सरकारों को आयुष्मान भारत योजना के दुरुपयोग की जांच करने को कहा
- सात मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा
- डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर अलग-अलग FIR दर्ज करने का निर्देश
- गैर इरादतन हत्या, ठगी, जालसाजी, चिकित्सकीय लापरवाही जैसे मामलों में कानूनी कार्रवाई
- पुलिस और CMHO द्वारा की गई लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई
- मिशन अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने और संपत्ति की जांच के निर्देश
गंभीर सवाल जिनकी होगी जांच
- क्या मरीजों को सर्जरी से पहले खतरे और विकल्पों की जानकारी दी गई थी?
- क्या अस्पताल ने बीमा कराया था, और क्या परिजनों को उसका लाभ मिला?
- भूमि, भवन निर्माण, और अस्पताल संचालन में नियमों का उल्लंघन हुआ या नहीं?
व्हिसल ब्लोअर्स की सुरक्षा
जो लोग इस आपराधिक कृत्य को सामने लाने में मददगार रहे, उन्हें व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा कानून 2014 के तहत संरक्षण देने की भी सिफारिश की गई है।