नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अक्सर होटल व रेस्टोरेंट की ओर से उपभोक्ताओं को डिस्काउंट स्कीम का ऑफर देते हैं, लेकिन बहाने बनाकर उसका लाभ नहीं देते हैं। ऐसे ही एक मामले में उपभोक्ता के साथ रेस्टोरेंट संचालक ने छलावा किया। मामला जिला उपभोक्ता आयोग क्रमांक-1 पहुंचा। आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज और प्रीति मुद्गल की बेंच ने आवश्यक दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद कहा कि उपभोक्ता को जिस दिन 17 नवंबर 2021 को सदस्यता दी गई, उस समय स्कीम मौजूद ही नहीं थी।
रेस्टोरेंट की स्कीम इसके पहले जुलाई 2021 में समाप्त की जा चुकी थी। ऐसे में डिस्काउंट कूपन और कार्ड देकर उपभोक्ता को भ्रमित किया गया है। इस कारण रेस्टोरेंट को आदेशित किया गया कि उपभोक्ता को मानसिक क्षतिपूर्ति राशि 10 हजार रुपये अदा करें।
दरअसल, महामाई बाग क्षेत्र निवासी जितेन्द्र वर्मा ने जिला उपभोक्ता आयोग में 2022 में एमपी नगर स्थित बापू की कुटिया रेस्टोरेंट के खिलाफ याचिका लगाई थी। शिकायत की थी कि रेस्टोरेंट द्वारा उन्हें 1700 रुपये की राशि लेकर एक वर्ष की सदस्यता का कूपन दिया गया था। यह रेस्टोरेंट की डिस्काउंट स्कीम थी। स्कीम आकर्षक होने और रेस्टोरेंट पर भरोसे के चलते आवेदक ने नवंबर 2021 में यह सदस्यता कूपन लिया।
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रेस्टोरेंट की ओर से उन्हें मेंबरशिप कार्ड और कई डिस्काउंट कूपन भी दिए गए। इसके बाद 12 दिसंबर 2021 को जब उपभोक्ता अपने परिवार के साथ रेस्टोरेंट पहुंचे और भोजन के बाद बिल भुगतान करते समय डिस्काउंट कूपन का हवाला दिया तो तो रेस्टोरेंट प्रबंधन ने उन्हें सूचित किया कि स्कीम तो जुलाई 2021 में ही बंद हो चुकी है। रेस्टोरेंट द्वारा सदस्यता के तहत दिए गए कूपन और कार्ड वापस ले लिए गए और किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई।
मामले में रेस्टोरेंट ने तर्क दिया कि यह स्कीम सीमित अवधि के लिए थी और सभी उपभोक्ताओं को इसके बंद होने की सूचना रेस्टोरेंट द्वारा की गई थी। उनकी तरफ से कोई त्रुटि नहीं रही है। आयोग ने इस तर्क को पूरी तरह खारिज कर दिया और रेस्टोरेंट पर हर्जाना लगाया।