
डिजिटल डेस्क। इंदौर। मकर संक्रांति का पर्व आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस त्योहार पर लोग उत्साह से पतंग उडा़ते हैं। लेकिन दुखद पहलू यह है कि लोग अभी भी चाइनीज मांझे का उपयोग कर रहे हैं जो कि ना केवल जानलेवा है बल्कि प्रतिबंधित भी है। सुप्रीम कोर्ट ने चायनीज मांझे पर बैन लगाया है, लेकिन पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझे से लोगों के घायल होने या मौत होने की खबरें आ रही हैं। यह मांझा पक्षियों के लिए भी जानलेवा है। चाइनीज मांझे से पतंग उड़ रही हैं जो कि राह चलते लोगों की गर्दन काट रहा है, पक्षियों को घायल कर रहा है। सवाल है कि आखिर क्षेत्र में चाइनीज मांझे की बिक्री और भंडारण पर प्रभावी रोक क्यों नहीं लग पा रही है।
- धार में रविवार शाम चाइना डोर की चपेट में बाइक पर बैठा बच्चा कनिष्क पुत्र विनोद चौहान निवासी लुनियापुरा धार आ गया। इसमें उसकी गर्दन कट गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
- छिंदवाड़ा में मंगलवार शाम को सिवनी रोड पर पुराने कुंडीपुरा थाने के पास मारई निवासी बाइक सवार सतीश यादव का गला चाइनीज मांझे से बुरी तरह कट गया।
- बीते 20 दिसंबर को पटाखा गोदाम के पास बाइक सवार युवक का गला चाइनीज मांझे से कट गया था। दूसरे के चेहरे पर घाव लगा था।
वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने चाइनीज मांझे के भंडारण व बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना भी जारी की थी।

यह प्लास्टिक का बना होता है जो काफी मजबूत होता है। यह मेटालिक कोटिंग से तैयार किया जाता है। इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, ऐसे में इससे करंट आने का खतरा भी रहता है। रसायन और धातुओं के मिश्रण से तेज धार वाला चाइनीज मांझा आसानी से टूटता नहीं है। इसमें ब्लेड जैसी धार होती है।
शीशा, वज्रम गोंद, मैदा फ्लाअर, एल्युमीनियम आक्साइड और जिरकोनिया आक्साइड आदि शामिल हैं।
धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा चाइनीज डोर बेचने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई#MadhyaPradesh #ChineseManjha #Naidunia pic.twitter.com/iiLuOQ6VGf
— NaiDunia (@Nai_Dunia) January 15, 2024