राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,328 रुपये प्रति क्विंटल है। मंडियों में अभी दर चार से साढ़े चार हजार रुपये के बीच है। किसानों को नुकसान न हो, इसके लिए सरकार ने भावांतर योजना लागू की है। इसमें समर्थन मूल्य से कम दर पर उपज बिकती है तो अंतर की राशि सरकार देगी। यह सुविधा योजना में पंजीकृत किसानों को मिलेगी।
अभी तक इसके लिए 61 हजार 970 किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया है। भावांतर योजना के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन 17 अक्टूबर तक होगा। भावांतर की अवधि 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक निर्धारित की है।
इस अवधि में पंजीकृत किसानों द्वारा मंडियों में उपज समर्थन मूल्य से कम पर बिकती है तो सरकार भावांतर देगी। योजना लागू करने का दायित्व जिला प्रशासन को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि जिस तरह धान और गेहूं का उचित मूल्य दिलाया गया, वैसे ही सोयाबीन उत्पादक किसानों की चिंता की गई है।
उधर, समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए अभी तक 4.69 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। यह 10 अक्टूबर तक होगा। पिछले वर्ष 7.84 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि केवल पंजीकृत किसानों से ही उपार्जन किया जाएगा, इसलिए समय पर पंजीयन करा लें।