भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी में एक बार फिर आक्सीजन संकट गहराने लगा है। बुधवार को ही 60 मीट्रिक टन आक्सीजन बेकारो से आई थी लेकिन वह उसी दिन अस्पतालों में बांट दी गई। गुरुवार को भी 80 मीट्रिक टन आक्सीजन आई लेकिन वह भी शाम ढलते-ढलते ही खत्म हो गई है। गोविंदपुरा स्थित भार्गव आक्सीजन प्लांट में शाम पांच बजे के बाद आक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई है। जिसके चलते यह प्लांट ड्राइ घोषित हो गया। इधर, आइनाक्स एयर प्रोडक्ट में भी लिक्विड आक्सीजन खत्म हो गई है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि जो आक्सीजन आई थी उसे सभी अस्पतालों में बांट दिया गया है। एम्स, हमीदिया, पीपुल्स, एलएन मेडिकल कॉलेज भी आक्सीजन सप्लाई हो गई है लेकिन छोटे अस्पतालों में एक बार फिर आक्सीजन का संकट खडा हो गया है। चिरायु एयर प्राडक्ट आक्सीजन प्लांट में आक्सीजन उपलब्ध थी लेकिन यहां भीड जमा हो रही थी। सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन तो दूर की बात यहां आपस में जमकर झडप भी हो गई। आक्सीजन प्लांट में जब छोटे-छोटे अस्पताल प्रबंधक की तरफ से सिलिंडर पहुंचे तो चिरायु अस्पताल के 200 सिलिंडर लेकर गाडी पहुंच गई और छोटे अस्पताल को फिर सिलिंडर मिलने के लिए घंटो इंतजार करना पडा। इधर, प्रशासन का तर्क है कि शहर में 110 मीट्रिक टन आक्सीजन की हर दिन जरूरत पड रही है। फिलहाल 100 मीट्रिक टन आक्सीजन प्रतिदिन सप्लाई की जा रही है। अगर आक्सीजन की डिमांड बढती है तो इसका विकल्प भी तलाशा जाएगा।
भेल आक्सीजन प्लांट में लग रही है लंबी-लंबी लाइनें
भेल द्वारा प्रतिदिन पांच मीट्रिक टन आक्सीजन बनाकर सप्लाई की जा रही है, लेकिन यहां आक्सीजन को लेकर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है। यहां एक व्यक्ति को पांच सिलिंडर आक्सीजन देने के लिए छह-छह घंटे तक लंबी लाइनों में लगना पड रहा है। इसके बावजूद कुछ लोगों को आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। आक्सीजन लेने पहुंचे लोगों का कहना है कि सुबह 9 बजे लाइन में लगने पर शाम 6 बजे तक आक्सीजन नहीं मिल पाई। इतना ही नहीं एक या दो सिलिंडर देने से भेल से साफ इंकार कर दिया है। सिर्फ अस्पतालों को ही यहां आक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है।
चिरायु एयर प्रॉडक्ट के प्लांट में हुआ हंगामा
इधर, देर शाम चिरायु एयर प्रॉडक्ट के प्लांट में जमकर हंगामा होना शुरू हो गया। पहले सिलिंडर भरवाने के नाम पर यह विवाद शुरू हुआ था। लोग खुद ही आक्सीजन प्लांट में लगे नोजलों से अपने सिलिंडर भर रहे थे जिसका विरोध अन्य लोगों ने कर दिया। इस विवाद को सुलझाने के लिए पुलिस बुलानी पडी। तब जाकर कहीं मामला शांत हो पाया। पुलिस की अगुवाई में सिलिंडर भरवाने का काम शुरू किया गया।
वर्जन
भोपाल में राउलकेला, बोकारो, भिलाई और गुजरात से आक्सीजन आ रही है। आक्सीजन का टैंकर आने में थोडी देरी होने के कारण इस तरह की स्थिति बनती है लेकिन अच्छी बात यह है कि शहर में हम हर दिन 110 मीट्रिक टन लिक्विड आक्सीजन सप्लाई कर पा रहे है। पिछले 15 दिनों से शहर में निर्बाध रूप से आक्सीजन सप्लाई हो रही है कोई संकट नहीं है।
वरदमूर्ति मिश्रा, प्रभारी, ऑक्सीजन आपरेशन, भोपाल