नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शिक्षा विभाग के कर्ता धर्ता पिछले ढाई दशकों से राजधानी के एक स्कूल का भवन नहीं बना पाए थे। रोशनपुरा गली का शासकीय प्राथमिक विद्यालय 25 सालों से सामुदायिक भवन में चलता रहा। विभाग ने अब इसे कमला नेहरु सांदीपनि विद्यालय में मिला देने का आदेश जारी किया है। इस आदेश से यहां पढ़ रहे 56 बच्चों को दूर तो जाना पड़ेगा, लेकिन उन्हें बेहतर पढ़ाई का माहौल मिल जाएगा।
इस शासकीय प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या केवल 56 रह गई है। इन्हें पढ़ाने के लिए पांच शिक्षक तैनात हैं। यहां पर पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं गोल-गोल घेरे में लगती है, जिससे शोर काफी होता है। एक ही शौचालय है, वह भी गंदा रहता है। इसकी वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है। शायद यही वजह है कि यहां विद्यार्थियों की संख्या घटते-घटते इस स्थिति में पहुंच गई।
कुछ यही हाल पत्रकार भवन स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल का भी है। यहां भी एक छोटे से कमरे में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित होती है। इस स्कूल में 18 विद्यार्थी और तीन शिक्षक हैं। सभी एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं। बच्चों के लिए शौचालय तक नहीं है। वे स्कूल के बगल में स्थित सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करते हैं।
राजधानी के शासकीय प्राथमिक विद्यालय प्रेमपुरा में 10 विद्यार्थी और एक नियमित व एक अतिथि शिक्षक हैं। शासकीय प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन में 13 विद्यार्थी और दो शिक्षक हैं। इसी तरह शासकीय प्राथमिक विद्यालय आंबेडकर नगर में 20 विद्यार्थी और चार शिक्षक पदस्थ हैं। इसमें से दो शिक्षकों को संकुल केंद्र से संबद्ध किया गया है।
वहीं, शासकीय प्राथमिक विद्यालय हर्षवर्धन नगर में 93 बच्चे और एक प्रधानाध्यापक सहित तीन शिक्षक पदस्थ हैं। राजधानी के इन जैसे 13 स्कूलों को कुछ दिनों में कमला नेहरु सांदीपनि विद्यालय में मिला दिया जाएगा। वहां विद्यार्थियों का दाखिला होगा, वहीं शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा।
इस तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी है। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के 18 हजार सरकारी स्कूलों में केवल एक शिक्षक तैनात है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे स्कूलों की संख्या सर्वाधिक है। वहीं शहरी क्षेत्रों में शिक्षक जरूरत से ज्यादा हैं। भोपाल में ही करीब 600 से अधिक अतिशेष शिक्षक हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने कहा कि कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के भवन का लोकार्पण हो चुका है। इसमें 13 स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों को अच्छे भवन में पढ़ने को मिलेगा। जल्द मर्ज करने की कार्रवाई पूरी की जाएगी।