नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। एमडी ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तार चाचा-भतीजे यासीन और शाहवर के सनसनीखेज खुलासे के बाद शहर में हड़कंप मच गया था। ड्रग तस्करों ने जिम में बाडी बनाने और डिप्रेशन की दवाई के रूप में युवाओं को एमडी का सेवन करवाकर नशे का आदी बनाने की बात कबूली थी। उन्होंने कुछ डाक्टर और जिम ट्रेनरों का भी जिक्र किया था।
साथ ही शहर के आलीशान पबों और क्लबों में खुलेआम चलने वाली ड्रग पार्टियों का दावा भी किया था, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि यह गिरफ्तारी शहर में सालों से जड़ें जमाएं ड्रग सिंडिकेट के पर्दाफाश की शुरुआत होगी, लेकिन 11 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस अब भी यासीन-शाहवर से ड्रग खरीदने वालों की तलाश कर रही है।
पुलिस ने चाचा-भतीजे के अलावा दो अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी जरूर की है, लेकिन उनकी भूमिका साधारण ही बताई गई है। वहीं उन रसूखदारों के नाम अब तक सामने नहीं आ सके हैं, जो लंबे समय से भोपाल के युवाओं को नशे का आदी बनाने में लगे थे। उधर पुलिस का दावा है कि घटना के बाद डाक्टर और जिम संचालक समेत तीन लोगों को पुलिस ने चिन्हित किया है जो कि कार्रवाई के बाद से फरार हैं। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस दिया है।
ड्रग तस्करों के इस नेटवर्क को पकड़ने की शुरूआत फरवरी माह से हुई थी। पुलिस ने तब 20 वर्षीय समीरउद्दीन और 23 वर्षीय सोहेल खान को एमडी ड्र्ग के साथ गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में सैफुउद्दीन नामक तस्कर से एमडी ड्रग खरीदने की बात कही थी। इस मामले में सैफुद्दीन पर पांच हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया गया था। सैफुद्दीन 18 जुलाई को साथी शाहरूख हसन के साथ एमडी ड्रग की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था।
तब सैफुद्दीन ने शाहवर और यासीन का नाम पूछताछ में बताया था। साथ ही जिम और क्लीनिकों के जरिए फैल रहे ड्रग्स के कारोबार का खुलासा किया था। पुलिस ने 21-22 जुलाई की दरमियानी रात यासीन और शाहवर को गिरफ्तार किया था।
यासीन के मोबाइल से तब ड्रग तस्करी के कई अहम सबूत मिले थे। उसके पास से कुछ अहम चैट भी मिली थीं, लेकिन जिन लोगों के नाम सामने आए पुलिस ने सिर्फ पूछताछ कर उन्हें छोड़ दिया। इनमें अधिकतर लोग वे शामिल हैं, जो कई बार ड्रग तस्करी के मामले में पकड़े जा चुके हैं, लेकिन सख्त कार्रवाई न होने की वजह से बच जाते हैं।
इधर क्राइम ब्रांच पुलिस ने मछली परिवार के करीबी मुकेश ठाकुर को हिरासत में लिया है। पुलिस उससे ड्रग और हथियार तस्करी को लेकर पूछताछ कर रही है। मुकेश ठाकुर शारिक मछली की रहवासी कालोनियों के केयरटेकर के रूप में काम करता है। पूछताछ में यासीन और अन्य आरोपितों ने उसकी भूमिका का जिक्र किया था, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने 29 जुलाई को उसे नोटिस भेजा था।
आरोपित यासीन के मोबाइल से मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की है। उनकी जांच की जा रही है, लेकिन पुख्ता सबूत न मिलने के कारण छोड़ना पड़ा है। - अखिल पटेल, डीसीपी क्राइम ब्रांच