
Bhopal Forest News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। कलियासोत के नगर वन में एक नहीं दो बाघ फंसे होने की जानकारी सामने आ रही है। क्षेत्र में वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर सक्रिय आरटीआइ एक्टिविस्ट राशिद नूर खान ने दो बाघ होने की बात कही है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह यह कि ट्रैप कैमरें में सिर्फ एक बाघ ही दिखा है। वन विभगा के अधिकारी मान रहे हैं कि यह बाघिन 123-1 का शावक हो सकता है, लेकिन पूरी तरह से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। यहां फंसे बाघ को बाहर निकालने के लिए नगर वन के चार गेट खोले गए हैं। गेट पर भी ट्रैप कैमरा लगाया गया है, जिससे यह बाघ निकले तो पता चल सके। 400 से 500 मीटर की दूरी पर एक गेट बनाया गया है।
समरधा परिक्षेत्र के रेंजर शिवपाल पिपरदे ने बताया कि एक बाघ के पगमार्क भी मिले हैं, लेकिन वर्षा की वजह से यह फैल गए हैं, इस कारण ठीक से यह पता करना कठिन हो रहा है कि यह कौन सा बाघ है। बाघ्ा को देखने के लिए यहां पर लोग भी पहुंच रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिए चार-चार कर्मचारियों की ड्यूटी पूरे समय लगाई गई है। चार पहिया वाहन की टक्कर से यहां की बाउंड्री वाल भी गुरुवार को टूट गई थी।
बता दें कि कलियासोत के आसपास करीब छह बाघ सक्रिय हैं। यहां पर 56 हेक्टयर जमीन पर नगर वन बनाया गया है। नगर वन में दूसरी बार बाघ घुसा है। रेंजर पिपरदे का कहना है कि पास में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय की तरफ से करीब 12 फीट ऊंची बाउंड्री नगर वन की है। इसी तरफ से बाघ कूदकर आया होगा। उधर, नगर वन में बाघ घुसने के बाद अब लोगों के लिए इस वन में आने-जाने को खतरा बता रहे हैं। आरटीआइ एक्टिवस्टि राशिद नूर खान ने कहा कि यहां पर नगर वन बनाया जाना उचित नहीं था। बाघ भ्रमण क्षेत्र होने की वजह से लोगों को खतरा है।
नीलगायें दिखीं, पर शिकार की पुष्टि नहीं
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैप कैमरें में यहां पर गुरुवार को दो नीलगायें भी दिखी थीं, लेकिन बाघ ने इनका शिकार किया या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। ट्रैप कैमरें में भी शिकार की पुष्टि नहीं हुई है। न ही कंकाल मिला है। यहां पर शुक्रवार को भी नीलगायों का झुंड देखा गया है।