पार्किंग में तब्दील होता जा रहा भोपाल का हलालपुर बस स्टैंड, लालघाटी पर सवारियां बिठा रहे बस संचालक
यात्री प्रतीक्षालय सूना। हलालपुर बस स्टैंड से केवल इंदौर, उज्जैन और देवास की ओर जा रही बसों का ही संचालन।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 26 Nov 2021 04:26:09 PM (IST)
Updated Date: Fri, 26 Nov 2021 04:26:09 PM (IST)

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। राजधानी के नादरा बस स्टैंड का भार कम करने के लिए बने हलालपुर बस स्टैंड की चहल-पहल धीरे-धीरे गायब हो रही है। बस स्टैंड को अधिकांश बस संचालकों ने पार्किंग स्टैंड बना दिया है। सवारियां बिठाने का काम लालघाटी पर सड़क किनारे किया जा रहा है। यात्री प्रतीक्षालय सूना पड़ा है।
हलालपुर बस स्टैंड करीब 15 साल पहले विकसित हुआ था लेकिन पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं। नगर निगम ने छह साल पहले 67 लाख रुपये खर्च कर यहां बसों के लिए नए प्लेटफार्म बनाए। वाशिंग अप्रैन बनाया गया। जन सुविधा केंद्र का निर्माण हुआ। गरीबों के लिए रैन बसेरा बनाया गया। जीव सेवा संस्थान के सहयोग से प्याऊ का निर्माण किया गया। दुकानों का निर्माण भी किया गया ताकि चहल पहल बढ़े और यात्रियों को सुविधा हो सके। शुरूआत में ऐसा हुआ था। कोरोना काल के समय बस स्टैंड की रौनक गायब हो गई थी, अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है। हालांकि कुछ रूट पर यहां से बसें मिल रही हैं लेकिन आधे से अधिक बसें यहां तक आ ही नहीं रही हैं।
यात्री प्रतीक्षालय सूना, रात को अंधेरा
बस स्टैंड पर बना यात्री प्रतीक्षालय सूना पड़ा है। इसका बड़ा कारण यात्रियों की कमी होना है। दरअसल कुछ बस चालक लालघाटी पर ही सड़क किनारे बस खड़ी कर सवारियां बिठाने लगे हैं। बसें स्टैंड तक आ नहीं रही हैं। चार्टर्ड बसें तो पहले ही लालघाटी पर रुकती हैं। ऐसा नहीं है कि बस स्टैंड पर सुविधाएं नहीं हैं। यात्री प्रतीक्षालय और बसों के प्लेटफार्म के रखरखाव की जररूत है। मामूली खर्च करके इसे सुंदर बनाया जा सकता है। शुरूआती छोर पर बैरिकेड की जरूरत महसूस की जा रही है।
इन शहरों के लिए बसें उपलब्ध
हलालपुर बस स्टैंड से इंदौर, देवास, आष्टा, उज्जैन, खरगोन, आलीराजपुर आदि शहरों की ओर जाने वाली बसें उपलब्ध रहती हैं। राजस्थान परिवहन निगम की बसें भी यहां रुकती हैं, लेकिन फिलहाल इनकी संख्या बहुत कम हो गई है। राजगढ़, शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल एवं ब्यावरा आदि की ओर जाने वालीं बसों को लालघाटी और एयरपोर्ट रोड पर ही रोका जा रहा है। इससे बस स्टैंड की रौनक कम हो गई है। बस स्टैंड तक बसें नहीं पहुंचने से नगर निगम को भी नुकसान हो रहा है। नगर निगम प्रति बस 40 रुपये अनुरक्षण शुल्क वसूल करता है। एक समय था जब यहां से 25 से 30 बसों का शुल्क प्रतिदिन नगर निगम को मिलता था। अब मात्र सात-आठ बसों का शुल्क ही निगम के खाते में जा रहा है। जाहिर है बसें बाहर ही रुककर वापस चली जाती हैं। एक बस के परिचालक रूपेश कुमार के अनुसार बस स्टैंड पर अपेक्षित यात्री नहीं मिलने से हमारा खर्च नहीं निकल पा रहा है। डीजल महंगा होने के कारण हमारा खर्च बढ़ गया है।
बस स्टैंड का नियमित रखरखाव होना जरूरी
हलालपुर बस स्टैंड के विकास के लिए हमने विशेष कार्ययोजना बनाई थी। मेरे कार्यकाल में दुकानों के निर्माण से करीब चार करोड़ रुपये की आय निगम को हुर्ई 67 लाख रुपये विकास पर खर्च किए गए। यात्रियों के लिए यहां सभी सुविधाएं है लेकिन रखरखाव की कमी है। निगम परिषद भंग होने के बाद निगरानी नहीं हो पा रही है। निगम अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
- कृष्ण मोहन सोनी, पूर्व सदस्य, महापौर परिषद