भोपाल में चरित्र शंका में पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने वाले पति को उम्रकैद
बताया गया कि 25 अगस्त 2024 की सुबह करीब 9 बजे, दोनों के मध्य किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई। विवाद इतना बढ़ा कि आपा खो चुके आरोपित ने छाया का गला दबाकर ...और पढ़ें
Publish Date: Wed, 31 Dec 2025 06:39:45 PM (IST)Updated Date: Wed, 31 Dec 2025 06:42:07 PM (IST)
भोपाल कोर्ट का फैसला।HighLights
- अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
- आरोपित पर अर्थदंड भी लगाया गया
- थाने पहुंचकर दी थी हत्या की सूचना
नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। पत्नी के चरित्र पर संदेह और घरेलू कलह के चलते उसकी निर्मम हत्या करने वाले पति को न्यायालय ने कठोर दंड से दंडित किया है। भोपाल के अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में आरोपित दिलीप मेहरा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर 500 रुपये का अर्थदंड भी दिया है।
विवाद के कारण अलग रह रही थी पत्नी
अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार, आरोपित दिलीप मेहरा अपनी पत्नी छाया के चरित्र को लेकर अक्सर शंका करता था। इस मानसिक प्रताड़ना और लगातार होने वाले विवादों से तंग आकर छाया लंबे समय से आरोपित से अलग रह रही थी। बताया गया कि 25 अगस्त 2024 की सुबह करीब 9 बजे, दोनों के मध्य किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई। विवाद इतना बढ़ा कि आपा खो चुके आरोपित ने छाया का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
थाने पहुंचकर दी थी हत्या की जानकारी
- हत्या की इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित स्वयं पिपलानी थाने पहुंचा।
- वहां उसने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने की बात कबूल की।
- आरोपित के बयान के आधार पर पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और साक्ष्य जुटाने के बाद हत्या का मामला दर्ज किया।
- विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने ठोस साक्ष्यों के साथ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
- विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने प्रत्यक्षदर्शियों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को पुरजोर तरीके से न्यायालय के समक्ष रखा।
- अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि आरोपित द्वारा किया गया कृत्य जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है।
- अभियोजन के साक्ष्यों को विश्वसनीय मानते हुए न्यायालय ने दिलीप मेहरा को हत्या का दोषी ठहराया और उसे जीवन के अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई।