भोपाल (सुशील पाण्डेय)। एक कहावत है 'तालों में ताल भोपाल का ताल बाकी सब तलैया"। अर्थात यदि सही अर्थों में तालाब कोई है, तो वह है भोपाल का तालाब। प्रदेश की राजधानी भोपाल का यह एक प्रमुख आकर्षण है। इस विशालकाय जल संरचना को अंग्रेजी में अपर लेक कहते हैं। यह एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह तालाब भोपाल के निवासियों के पीने के पानी का सबसे मुख्य स्रोत है। इस बड़े तालाब के साथ ही एक छोटा तालाब भी यहां मौजूद है और यह दोनों जलक्षेत्र मिलकर एक विशाल भोज वेटलैंड का निर्माण करते हैं, जो कि अंतरराष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के घोषणापत्र में संरक्षण की संकल्पना हेतु शामिल है। इतिहासकार पूजा सक्सेना बताती हैं कि दसवीं सदी में परमार वंश के राजा भोज ने यह तालाब बनवाया था। सीहोर की ओर से आने वाली कोलांस नदी में बांध बनाकर पानी को रोका गया और बड़े तालाब का निर्माण हुआ। इसका पानी कलियासोत नदी से निकलकर बेतवा में जाता है।
भौगोलिक स्थिति : बड़ा तालाब के पूर्वी छोर पर भोपाल शहर बसा हुआ है, जबकि इसके दक्षिण में वन विहार नेशनल पार्क है, इसके पश्चिमी और उत्तरी छोर पर कुछ बसाहट है, जिसमें से अधिकतर इलाका खेतों वाला है। इस झील का कुल क्षेत्रफल 31 वर्ग किलोमीटर है और इसमें लगभग 361 वर्गकिमी क्षेत्र में पानी एकत्रित है। कोलांस नदी पहले हलाली नदी की एक सहायक नदी थी, लेकिन एक बांध तथा एक नहर के जरिये कोलांस नदी और बड़े तालाब का अतिरिक्त पानी अब कलियासोत नदी में चला जाता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व : 11वीं शताब्दी में इस विशाल तालाब का निर्माण किया गया और भोपाल शहर इसके आसपास विकसित होना शुरु हुआ। इन दोनों बड़ी- छोटी झीलों को केंद्र में रखकर भोपाल का निर्माण हुआ। शहरवासी धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से इन दोनों झीलों से दिल से गहराई तक जुड़े हैं।
मनोरंजन और व्यवसाय : बड़ा तालाब नवाब काल से ही मनोरंजन और व्यवसाय का बड़ा जरिया रहा है। बड़े तालाब में मछली पालन, सिंघाड़े की खेती और नाव का संचालन पुराने समय से ही हो रहा है। शहर के इतिहास के जानकार डॉ. आलोक गुप्ता बताते हैं कि बड़ी झील पर अब जहां बोट क्लब है, नवाब काल में यहां याट क्लब हुआ करता था। नवाब ओबेदुल्ला खान द्वारा नवाब सुल्तान जहां बेगम के शासनकाल में अमोद-प्रमोद हेतु इसे बनवाया गया था। 15 अगस्त 1985 में बोट क्लब की स्थापना के बाद बड़ी झील का व्यावसायिक और मनोरंजक महत्व और बढ़ गया है। अब यहां जलक्रीड़ा की गविविधियों के साथ ही कई प्रकार की बोट्स और क्रूज का संचालन मप्र पर्यटन निगम द्वारा किया जा रहा है। यह स्थान फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए भी खूब आकर्षित करता है। आज बड़े तालाब के आसपास कई बड़े होटल भी संचालित हैं।