
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी की बहुप्रतीक्षित मेट्रो रेल सेवा अब हकीकत बनने वाली है। एमपी मेट्रो ने गुरुवार को भोपाल मेट्रो का किराया घोषित कर दिया है। मेट्रो संचालन की अनुमति कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी (सीएमआरएस) से मिलने के बाद अब लोकार्पण की तारीख का इंतजार है। मेट्रो इंजीनियर अरविंद सोनी के मुताबिक शासन को 13 दिसंबर का प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन तारीख की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। तारीख मिलते ही औपचारिक उद्घाटन की घोषणा कर दी जाएगी।
सुभाष नगर से एम्स तक 7.5 किमी के इस कारिडोर पर मेट्रो की शुरुआत से भोपाल की यातायात व्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद है। राजधानीवासियों को जाम से राहत मिलेगी और तेज, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन का अनुभव मिलेगा। सीएमआरएस की मंजूरी के बाद अब पूरा शहर सिर्फ उद्घाटन की तारीख का इंतजार कर रहा है। जैसे ही मुख्यमंत्री कार्यालय से तारीख तय होगी, भोपाल मेट्रो का नया सफर शुरू होगा।
भोपाल मेट्रो में पहले सप्ताह सभी यात्रियों को बिना टिकट फ्री सफर का मौका मिलेगा। इस दौरान बेस फेयर पर 100 प्रतिशत छूट लागू रहेगी। इसके बाद यात्रियों को किराए में विभिन्न चरणों में छूट दी जाएगी। चूंकि फिलहाल फेयर कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इस कारण बेस फेयर में महिला, स्टूडेंट्स, सिनीयर सिटीजन के लिए स्कीम तय नहीं हुई है। मेट्रो के अधिकारी बताते हैं कि बेस फेयर इंदौर मेट्रो की तरह रखा जाएगा।
एमपी मेट्रो ने फिलहाल 7.5 किमी के प्रायोरिटी कारिडोर के लिए किराया तय किया है। यह किराया संचालन शुरू होते ही लागू होगा। यह ऑरेंज लाइन कारिडोर के 30 स्टेशनों के लिए निर्धारित दरों का हिस्सा है, हालांकि शुरुआत में सिर्फ प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ही सेवा उपलब्ध होगी।
यात्री अपनी यात्रा के आधार पर किराया देंगे। यदि कोई यात्री शुरुआती स्टेशन से अगले दो स्टेशन तक जाता है, तो उसे 20 रुपये देने होंगे। यदि यात्री तीन से पांच स्टेशन तक जाता है, तो किराया 30 रुपये होगा। आगे की स्टेशनों के लिए इसी पैमाने पर किराया लागू किया जाएगा।
प्रायोरिटी कारिडोर पर मेट्रो सेवा सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध रहेगी। हर 30 मिनट में एक मेट्रो स्टेशन पर पहुंचेगी। सुभाष नगर से एम्स और एम्स से सुभाष नगर तक कुल 50 फेरे लगाए जाएंगे। दोनों दिशाओं में 25-25 फेरे चलेंगे। शुरुआत में तीन कोच सेट से संचालन होगा, जिसमें प्रत्येक सेट में तीन डिब्बे होंगे।
फिलहाल भोपाल मेट्रो का ट्रायल रन लगातार जारी है । इस ट्रायल को बिल्कुल वास्तविक परिस्थितियों जैसा बनाया गया है। स्टाफ टिकट खरीदता है। लगेज की जांच होती है। यात्री प्रतीक्षा करते हैं। मेट्रो आगमन के बाद यात्री चढ़कर अगले स्टेशन तक यात्रा करते हैं। इस प्रक्रिया के जरिए मेट्रो संचालन में कोई तकनीकी या प्रबंधन संबंधी कमी न रहे, इसका परीक्षण किया जा रहा है।