नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल (Bhopal News)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नवंबर तक मेट्रो का सफर शुरू हो सकता है। भोपाल मेट्रो का 6.22 किलोमीटर लंबा प्रायोरिटी कारिडोर है, जिसको पूरा करने का काम तेजी से किया जा रहा है। ऐसे में अगले कुछ महीनों में कामर्शियल रन शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। इससे पहले भोपाल मेट्रो के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम बुलाई गई है।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने सभी दस्तावेज भी जमा कर दिए हैं। इसके बाद आयुक्त मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) टीम निरीक्षण करेगी। टीम की "ओके" रिपोर्ट मिलने के बाद लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया में करीब चार से पांच महीने का समय लग सकता है। इसी बीच मेट्रो के बाकि बचे तीन स्टेशन एम्स, डीआरएम तिराहा और अलकापुरी का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
बता दें कि मध्यप्रदेश की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भोपाल में महिला सशक्तीकरण सम्मेलन के दौरान इंदौर मेट्रो का वर्चुअली लोकार्पण कर शहरवासियों को मेट्रो की सौगात दी है। जानकारी के अनुसार भोपाल में मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कॉरिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था।
सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन तक ट्रैक का काम हो चुका है और मेट्रो यहां तक पहुंच चुकी है। वहीं, दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी की जा चुकी है। इससे पहले तीन अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से ही लगातार टेस्टिंग की जा रही है। मेट्रो सबसे ज्यादा स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे से भी दौड़ चुकी है। इतनी ही स्पीड में कामर्शियल रन भी होगा। हालांकि, इससे पहले सुरक्षा के तमाम पैमाने जांचें जाएंगे। इसे सीएमआरएस टीम ही जांचेंगी।
भोपाल में यह टीम अगले कुछ महीने में आ जाएगी। आरडीएसओ की टीम मेट्रो के संचालन से जुड़े काम देखेगी। इसके बाद मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम दो बार पहुंचेगी। मेट्रो कार्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि कामर्शियल रन से पहले सुरक्षा के लिहाज से आयुक्त मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम जांच करती है।