
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: राजधानी में आधुनिक और सुगम यात्रा का सपना लेकर शुरू हुई भोपाल मेट्रो (Bhopal Metro) अपने शुरुआती तीन दिनों में ही अव्यवस्थाओं से जूझती नजर आ रही है। पहले दिन जिस उत्साह के साथ यात्रियों ने मेट्रो में सफर किया, वह जरूरी सुविधाओं की कमी के कारण तेजी से ठंडा पड़ गया। हालात यह हैं कि तीसरे दिन यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई।
नईदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि मेट्रो का संचालन जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया, जबकि जमीनी स्तर पर कई जरूरी तैयारियां अधूरी रह गईं। बोर्ड आफिस, केंद्रीय विद्यालय (KV) और सुभाष नगर मेट्रो स्टेशनों पर अब भी निर्माण कार्य जारी है और जगह-जगह निर्माण सामग्री बिखरी पड़ी है।
बोर्ड आफिस स्टेशन पर प्रवेश करते समय यात्रियों को चल रहे निर्माण कार्य के बीच से गुजरना पड़ रहा है। स्टेशन के भीतर टाइल्स के बीच सफेद पुट्टी का काम चल रहा है, वहीं बाहर रंग-रोगन करते कर्मचारी नजर आ रहे हैं। सुभाष नगर स्टेशन के नीचे ग्रीन नेट लगाकर किया जा रहा काम यह साफ दर्शाता है कि स्टेशन अभी पूरी तरह तैयार नहीं है।
मेट्रो प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्किंग व्यवस्था बन गई है। सफर शुरू कर दिया गया, लेकिन यात्रियों की गाड़ियां खड़ी करने की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। बोर्ड आफिस स्टेशन के आसपास पार्किंग नहीं होने से वाहन सड़क किनारे नो-पार्किंग में खड़े किए जा रहे हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है।
सुभाष नगर स्टेशन पर लोग दिव्यांगों के लिए आरक्षित पार्किंग में अपने वाहन खड़े कर रहे हैं। एमपी नगर में पार्किंग के नाम पर पथरीली और ऊबड़-खाबड़ जमीन दी गई है, जहां अंधेरे में वाहन खड़ा करना जोखिम भरा साबित हो सकता है।
केवी मेट्रो स्टेशन पर साइकिल पार्किंग का काम भी अधूरा है, जिसके कारण दोपहिया वाहन चालकों को फुटपाथ से वाहन चढ़ाने-उतारने पड़ रहे हैं। सुभाष नगर डिपो के सामने सड़क पर चल रहा डिवाइडर निर्माण कार्य व्यस्त समय में दुर्घटना को न्योता दे सकता है।
तीसरे दिन यात्रियों की संख्या में आई गिरावट यह दर्शाती है कि शुरुआती दिनों में लोग केवल उत्सुकता में मेट्रो देखने पहुंचे थे। सुविधाओं और कनेक्टिविटी की कमी के कारण उन्होंने दूरी बना ली।
मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि काम चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पार्किंग के लिए तीन स्थान चिन्हित किए गए हैं और शुरुआती दिक्कतों को जल्द दूर कर लिया जाएगा।
यात्री पार्किंग नहीं मिली तो बिना सफर किए ही वापस लौट रहा हूं। मेट्रो में घूमने का मन था, लेकिन गाड़ी चोरी होने का डर ज्यादा है। अजीम, नारियलखेड़ा सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन में अधूरे कामों की वजह से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
-वकार शिवानी, मुरली नगर, करोंद