भोपाल। भोपाल नवाब हमीदुल्ला खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान के पुत्र शहरयार खान ने नवाब संपत्ति पर अपना हक जताया है। ये पाकिस्तान के विदेश सचिव भी रह चुके हैं। हाईकोर्ट जबलपुर में इस संबंध में विगत दिनों याचिका दायर की गई है। इसमें नवाब संपत्ति से जुड़े 14 वारिसों ने अपना हक मांगा है। इसमें शहरयार खान भी एक पार्टी हैं। आबिदा सुल्तान नवाब की बड़ी बेटी थीं, लेकिन वे 1950 से 52 के बीच पाकिस्तान चली गईं। 68 साल बाद अब आबिदा सुल्तान के पुत्र शहरयार खान ने भी नवाब संपत्ति पर अपना हक जताने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, शर्मिला टैगोर की तरफ से पैरवी कर रहे वकील राजेश पंचोली ने इस पर आपत्ति जताई है।
दरअसल, 31 जुलाई 2019 को रामपुर स्टेट के संबंध में नवाब की संपत्तियों के बंटवारे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। इसमें स्पष्ट कहा गया कि नवाब संपत्तियों का बंटवारा मुस्लिम विधि (शरियत) से हिसाब से होगा। इसे आधार बनाकर हाईकोर्ट जबलपुर में एक अपील दायर कर नवाब संपत्तियों पर करीब 14 लोगों ने अपना अधिकार मांगा है।
हालांकि, इस मामले में नवाब मंसूर अली खान पटौदी के भांजे फैजबिन खान का कहना है कि आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान जाने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ने साजिदा सुल्तान को भोपाल का प्रशासक नियुक्त किया था। इसके चलते नवाब खानदान की सभी संपत्तियों पर साजिदा सुल्तान का नाम रिकार्ड में दर्ज कर दिया गया। बता दें कि नवाब की मौत 1960 में हो गई थी, लेकिन उससे पहले ही 1951-52 में उनकी बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान भारत छोड़कर पाकिस्तान चली गईं थीं। कायदे से नवाब की मौत के बाद सबसे बड़ी संतान होने के नाते आबिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी बनाया जाना चाहिए था और सारी संपत्ति उनके कब्जे में आना चाहिए थी, लेकिन वे भारत छोड़ चुकी थीं। इसलिए 1962 में नवाब की मंझली बेटी साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था।
इन्होंने भी मांगा अपना हक
रामपुर स्टेट के फैसले का हवाला देकर संपत्ति पर अधिकार पाने की याचिका दायर की गई है। इस मामले में सैफिया एजुकेशन सोसायटी के सीईओ जैनुद्दिन शाह ने भी हाल ही में उनका पक्ष सुनने के लिए आवेदन दिया है। हालांकि, इस पर आर्डर नहीं हो पाया है। खास बात तो यह है कि नवाब हमीदुल्ला के बड़े भाई औबेदुल्ला खान के पुत्र रशीदुजफर खान की मृत्यु के बाद बेगम सुरैया रशीद के पुत्रों ने भी नवाब संपत्ति पर अपना हक जताया है। वहीं, हमीदुल्ला खान, मेमुना खान की तीन बेटियां आबिदा, साजिदा, राबिया सुल्तान के पोतों ने भी अपने आप को उत्तराधिकारी मानकर याचिका दायर की है। राबिया के बाद शायजा सुल्तान व नासिर मिर्जा (गुजर गए) के पुत्र नासिर और यासिर मिर्जा ने भी अपना हक मांगा है। इसी तरह फायजा सुल्तान और अकबर खान ने भी अपने हक के लिए याचिका दायर की है। हाल ही में इस मामले मंे 10 फरवरी को सुनवाई के बाद यह मामला अंतिम सुनवाई के लिए लग गया है। वहीं, इस मामले को लेकर आई सभी तरह की आपत्ति और आवेदनों को सुनने के लिए एक अंतिम बहस होगी। इसके बाद इस मामले में फैसला हो जाएगा।
शत्रु संपत्ति के दायरे में आ जाएगी शहरयार खान के हिस्से की प्रापर्टी
बता दें कि 1968 में सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम लाई। इस कानून के 47 साल बाद कस्टोडियन ऑफ एनीमी प्रॉपर्टी ऑफिस ने नवाब की कुछ संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया था। शत्रु संपत्ति कार्यालय मुंबई ने युद्ध के समय पाकिस्तान जाने वाली नवाब की बेटी आबिदा सुल्तान को वारिस मानते हुए उनकी चार दर्जन से अधिक प्रॉपर्टी की लिस्ट भेजी थी। जिसमें पाक जाकर बसीं आबिदा सुल्तान को बेगम ऑफ भोपाल मानते हुए इस प्रॉपर्टी की जांच के निर्देश दिए थे। इसमें 70 साल के खसरों की जांच कर जो रिपोर्ट तैयार गई है, उसमें मात्र 24 निर्माण सामने आए हैं।
15000 हेक्टेयर से अधिक है नवाब खानदान की संपत्ति
भोपाल शहर और इसके आसपास की करीब 15,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन नवाब हमीदुल्ला खान के बाद साजिदा सुल्तान के नाम कर दी गई थी। नूर-उस-सबाह होटल, फ्लैग हाउस, कॉटेज-1, 12 क्वार्टर, दार-उस-सलाम, बंगलो ऑफ हबीब, कॉटेज-9, फोर-क्वार्टर, मोटर गैराज, वर्कशॉप, न्यू कॉलोनी क्वार्टर, बंगला नंबर-1 न्यू कॉलोनी, डेयरी फॉर्म क्वार्टर, सर्वेंट क्वार्टर खानूगांव, फारस खाना, फॉरेस्ट स्टोर, पैलेस सब पोस्ट ऑफिस, डिस्पेंसरी के आसपास के कमरे, पुलिस गार्ड रूम, पुलिस क्वाटर्स, इंजीनियरिंग स्टोर, गवर्नमेंट डिस्पेंसरी, गवर्नमेंट स्कूल, कोहेफिजा प्रॉपर्टी, अहमदाबाद पैलेस, नानी की कोठी सहित अन्य कृषि भूमि शामिल है। इतना ही नहीं लाहौर व अन्य देशों में नवाब खानदान की संपत्तियों व शेयर में भी अपना हिस्सा मांगा गया है।
भोपाल नवाब की मौत 1960 में हुई थी, इसके पहले ही आबिदा सुल्तान पाकिस्तान जा चुकी थीं। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ने साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित किया है। ऐसे में शहरयार खान का कोई हक नहीं बनता है। - फैजबिन जंग, (नवाब पटौदी का भांजा)
पाकिस्तान से भी कुछ लोगों ने नवाब संपत्ति पर अपना हक जताया है। इसके लिए हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है, लेकिन इसमें मैंने आपत्ति जताई है। आरके पंचोली, वरिष्ठ अधिवक्ता (शर्मिला टैगोर की तरफ से पैरवी कर रहे हैं)