भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिला प्रशासन ने कलेक्टोरेट कार्यालय, तहसील और नजूल सर्कलों में बरसों के पकड़े इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ को हटाने के बाद अब बीते 30 वर्षों से पड़े रद्दी कागजों व दस्तावेजों को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। अब तक कलेक्टर कार्यालय में तीनों जगहों से 5 टन रद्दी कागज इकट्ठे हुए हैं। इसमें सबसे अधिक रद्दी कागज फूड, जिला शहरी अभिकरण सहित अन्य शाखाओं से मिले हैं। इस रद्दी को मां दुर्गा कंपनी को 7 रुपए प्रतिकिलो की दर से बेंच भी दिया गया है, लेकिन कंपनी को रद्दी लेकर जाने में पसीना आ रहा है। दरअसल जिला प्रशासन की शर्त के अनुसार प्रत्येक कागज या फाईल की पहले कटिंग होगी ओर उसे छोटे छोटे टुकड़ों में काटा जाएगा। तभी यह रद्दी कंपनी संचालक ले जा सकेगा। बीते पांच दिनों से कंपनी के 8 से अधिक कर्मचारी रद्दी के एक-एक कागज को फाड़कर टुकड़े करने में लगे हुए हैं, लेकिन अब तक 10 प्रतिशत रद्दी के टुकडे भी नहीं हो सके हैं। अब कंपनी को रद्दी की कटिंग करने के लिए कटर मंगवाना पड़ा है। रविवार से कटर से रद्दी की कटिंग चल रही है। हालांकि यह कार्य भी मावठे की बारिश में धीमा हो गया है, क्योंकि 2 टन से अधिक रद्दी खुले आसपास के नीचे पडी है और वह हल्की बारिश के पानी में भीग गई है।
प्रशासन की बिजली से चलाया जा रहा कटर
जिला प्रशासन ने रद्दी तो 7 रुपए प्रति किलो में बेच दी है। लेकिन उसके टुकड़े करने के लिए मां दुर्गा कंपनी के संचालक कटर का उपयोग कर रहे हैं। कटर को चलाने के लिए कलेक्टर कार्यालय की बिजली का उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो ऐसे में प्रशासन को रद्दी 7 रुपए प्रतिकिलो की 5 रुपए किलो से कम भाव में पड़ेगी।