Bhopal News: खतरे की जद में तीन रेलवे ट्रैक के बीच में रहने वाली 60 हजार आबादी, आपात स्थिति में नहीं पहुंच पाती त्वरित मदद
तीन ओर से पटरी से घिरा है इलाका। यहां तक पहुंचने के लिए दो अंडरब्रिज बनाए गए हैं। आपात स्थिति में नहीं पहुंच पाती ऊंची दमकल और एंबुलेंस। कैंची-छोला इलाके में फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस पहुंचने के लिए जगह नहीं।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 05 Oct 2022 04:25:15 PM (IST)
Updated Date: Wed, 05 Oct 2022 04:25:15 PM (IST)

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। कैंची-छोला, अटल अयूब नगर और राम नगर का क्षेत्र तीन ओर से रेलवे ट्रैक से घिरा हुआ है। ऐसे में आग लगने या अन्य किसी दुर्घटना की स्थिति में यहां हड़कंप मच जाता है। दरअसल इस इलाके तक पहुंचने के लिए दो अंडरब्रिज ही मुख्य रास्ते हैं, जबकि दोनों की ऊंचाई कम हैं। ऐसे में 60 हजार की आबादी ऊंचे वाहनों के लिए कटी हुई है। आपातकाल में दमकल से लेकर एंबुलेंस और अन्य सहायता के साधन यहां सीधे पहुंच ही नहीं पाते। यदि इस इलाके तक सीधी पहुंच की व्यवस्था नहीं की गई तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बता दें कि छोला इलाके में गणेश मंदिर और हनुमान मंदिर तक दो रेलवे ट्रैक के बीच में घनी बस्तियां हैं। यहां तक पहुंचने के लिए दो अंडरब्रिज बनाए गए हैं। लेकिन इनकी ऊंचाई कम होने की वजह से दमकल, एंबुलेंस, ट्रक समेत अन्य कामर्शियल वाहनों के निकलने का रास्ता नहीं है। यहां से केवल छोटे वाहन ही निकल पाते हैं। जिससे इस क्षेत्र में नगर निगम द्वारा यातायात व्यवस्था भी नहीं की गई है। लोगों को आवागमन के लिए आटो व निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। हालांकि बीते दस वर्ष पहले तक यहां दो रेलवे क्रासिंग थीं, जहां से बड़े वाहन निकल जाते थे। लेकिन अंडर ब्रिज बनने के बाद रेलवे फाटक बंद कर दिया गया। जो अंडर ब्रिज बनाए गए, उनसे दमकल और एंबुलेंस नहीं निकल पातीं। ऐसे यहां जिस भी दुकान या मकान में आग लगती है, तो उसका जलकर खाक होना लगभग तय होता है।
दस साल पहले बंद किया था रेलवे गेट
नादरा बस स्टैंड से छोला दशहरा मैदान को जाने वाले मार्ग में रेलवे लाइन के पास पहले क्रासिंग दी गई थी। यहां से बड़े वाहन आसानी से निकल जाते थे। लेकिन बढ़ते रेल हादसों की वजह से मार्च 2013 में यह गेट बंद कर दिया गया। इसके बाद रेलवे फाटक के बगल से अंडर ब्रिज बनाया गया, लेकिन बरसात में यहां भी पानी भर जाता है। वहीं ऊंचाई कम होने से बड़े वाहन नहीं निकल पाते हैं।
68 करोड़ रुपये से छोला में बनेगा ओवरब्रिज
राम नगर, अटल अयूब नगर और छोला का क्षेत्र चारों तरफ से रेलवे ट्रैक से घिरा है। यहां घनी बस्तियां हैं, बड़ी आबादी रहती है। लेकिन हादसे के वक्त बड़े वाहनों के जाने का रास्ता नहीं है। हालांकि अब भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से छोला मंदिर तक रेलवे ओवर ब्रिज बनाया जाना है। लेकिन कुछ तकनीकी खामियों की वजह से काम रुका हुआ है। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता संजय खांडे ने बताया कि 68 करोड़ रुपये की लागत से 8.4 मीटर चौड़ाई का रेलवे ओवर ब्रिज बनाया जाएगा।
क्षेत्र के रहवासी जिला प्रशासन और रेलवे से छोला में रेलवे फाटक खोलने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विभागों में आपसी तालमेल नहीं होने से रेलवे फाटक नहीं खुल पाया है।
- अतुल जड़िया, कैंची-छोला
कैंची-छोला, राम नगर और अटल अयूब नगर समेत आसपास का क्षेत्र सघन बस्ती वाला है। लेकिन रेलवे चारों तरफ से रेलवे ट्रैक होने से बड़े वाहनों के आने का रास्ता नहीं है।
- आनंद शर्मा, कैंची-छोला
कैंची-छोला से द्वारका नगर तक टू लेन फ्लायओवर प्रस्तावित है। इसकी योजना बनाई जा चुकी है। रास्ते में अतिक्रमण की वजह से कुछ समस्याएं आ रही हैं। जल्द काम शुरू होगा।
- संजय खांडे, मुख्य अभियंता ब्रिज, पीडब्ल्यूडी