- बरखेड़ा-बुदनी के बीच सबसे दुर्गम रेल खंड में आरवीएनएल बना रहा तीसरी लाइन
- यात्री व वन्यप्राणी दोनों को होगी सहूलियत
भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि
बरखेड़ा-बुदनी के बीच सबसे दुर्गम रेलखंड में तीसरी रेल लाइन बनाने का काम तेज गति से चल रहा है। इस खंड में पांच सुरंगें बननी हैं, जिनमें सबसे लंबी 1080 मीटर की सुरंग बनकर लगभग तैयार हो गई है। इसके अंदर लाइन बिछाने का काम चालू होने वाला है। बची चार सुरंगों का काम भी चालू कर दिया गया है। तीन ओवर पास भी बनाए जाने हैं। इनका काम भी चल रहा है। तीन साल में रेल लाइन बन जाएगी और ट्रेनें भी दौड़ने लगेंगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा यात्रियों को होगा। घाट सेक्शन में एक साथ एक दिशा में दो-दो ट्रेनें चल सकेंगी, अभी एक दिशा में एक ही ट्रेन चलती है। घाट सेक्शन होने की वजह से इटारसी की तरफ से भोपाल आने वाली ट्रेनों की रफ्तार कम होती है, तब तक दूसरी ट्रेनें प्रभावित होती हैं।
भोपाल से इटारसी के बीच तीसरे रेल लाइन का काम चल रहा है। इसी में बरखेड़ा-बुदनी रेलखंड शामिल है, जिसकी लंबाई 25 किलोमीटर है। यह लाइन पहाड़ों से होकर गुजर रही है, नदियां भी हैं। पहाड़ों को काटकर सुरंग बनाई जा रही है, नदी व नालों पर ओवरपास बनाए जाएंगे। ये सभी काम चल रहे हैं। रेलवे व नोडल एजेंसी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के अधिकारियों का कहना है कि काम तेजी से चल रहा है। साल 2023 में लाइन चालू करने का लक्ष्य है।
यात्रियों को फायदा
बरखेड़ा-बुदनी घाट सेक्शन में मौजूदा रेल लाइनों की लंबाई 33 किमी है। तीसरी रेल लाइन घुमावदार नहीं है इसलिए लंबाई कम है। साथ ही पुरानी लाइन की तुलना में नई लाइन के लिए घाट सेक्शन को और कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह नई लाइन पर ट्रेनें पुरानी की तुलना में चार से पांच मिनट पहले घाट सेक्शन को पार कर लेंगी। यात्रियों का यह समय बचेगा।
वन्यप्राणियों को फायदा
- इस रेलखंड में कई बाघ व तेंदुए ट्रैक पार करते समय जान गंवा चुके हैं। गर्मी में ज्यादा हादसे होते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सुरंग व ओवरपास बनाए जा रहे हैं। इनके बनने से वन्यप्राणी ट्रैक पार करने की बजाय ओवरपास व पहाड़ों पर से आना-जाना कर सकेंगे। इससे इनकी जान का खतरा नहीं रहेगा।