Bhopal News: पीले पत्थरों से तैयार हो रहा भव्य जिनालय, सहेजेंगे आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृतियां
एमपी नगर में बन रहे श्रीआदिनाथ जैन मंदिर में आचार्य विद्यासागर महाराज पर केंद्रित संग्रहालय भी बनेगा। इसमें आचार्यश्री के जीवन से जुड़ी हर ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sat, 24 Feb 2024 03:25:16 PM (IST)
Updated Date: Sat, 24 Feb 2024 03:25:16 PM (IST)
भोपाल के एमपी नगर में श्री आदिनाथ जैन मंदिर ले रहा भव्य रूप। आचार्यश्री का बनाया जाएगा संग्रहालय। -नवदुनियाHighLights
- संग्रहालय में कर्नाटक के बेलगांव स्थित सदलगा गांव में आचार्यश्री के बचपन से लेकर पूरी जीवन यात्रा को संजोने की तैयारी की जा रही है।
- संग्रहालय की दीवारों पर आचार्यश्री के प्रेरक व अनमोल संदेशों को भी अंकित किया जाएगा।
- मंदिर प्रांगण में छात्रावास, पार्किंग, संत निवास, धर्मसभा हाल, ग्रंथालय और अस्पताल भी बनाया जा रहा है।
बृजेंद्र वर्मा, भोपाल। भोपाल के एमपी नगर जोन-2 में तैयार हो रहे श्रीआदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की स्मृतियों को सहेजने के लिए संग्रहालय तैयार किया जाएगा। यह देश का ऐसा पहला जिनालय होगा, जो राजस्थान के जैसलमैर से मंगवाए पीले पत्थरों से तैयार किया जा रहा है। श्री दिगंबर जैन पंचायत एवं ट्रस्ट द्वारा तैयार कराए जा रहे इस अनूठे जिनालय में संग्रहालय के निर्माण की रूपरेखा तैयार हो रही है। इसके लिए शासन-प्रशासन से अनुमति लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
संग्रहालय में क्या होगा खास
संग्रहालय में आचार्यश्री के जीवन से जुड़ी हर ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। आचार्यश्री के जन्म स्थान कर्नाटक के बेलगांव स्थित सदलगा गांव में उनके बचपन से लेकर पूरी जीवन यात्रा को संजोने की तैयारी की जा रही है। संग्रहालय की दीवारों पर आचार्यश्री के प्रेरक व अनमोल संदेशों को भी अंकित किया जाएगा।
163 फीट होगी जिनालय की ऊंचाई
ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बांगा ने बताया कि देश का एकमात्र पीले पत्थरों का 163 फीट ऊंचा जिनालय बन रहा है। आचार्यश्री की ही प्रेरणा से यहां मंदिर भव्य रूप ले रहा है। उन्होंने मंदिर निर्माण की नए सिरे से शुरुआत कराई थी। अब उनकी याद में संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया है। आगामी तीन वर्षों में यह एक ऐसा तीर्थस्थल होगा, जिसे देखने देश भर से जैन सहित अन्य धर्मों के लोग आएंगे।
ऐसे आया विचार
श्री दिगंबर जैन पंचायत कमेटी एवं ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि बैठकों में सहमति बनी कि मंदिर प्रांगण में ऐसा संग्रहालय बनाया जाए, जिसमें आचार्यश्री के जीवन से जुड़े हर पहलुओं को समेटकर रखा जा सके। इससे आने वाली पीढ़ियां उनके जीवन दर्शन का लाभ ले सकेंगी। उनके द्वारा लिखित महाकाव्य मूक माटी को भी समझ सकेंगी।
एक एकड़ में बन रहा मंदिर
जिनालय निर्माण कमेटी के संयोजक राकेश जैन ओएसडी ने बताया कि निर्माणाधीन जिनालय का कुल क्षेत्रफल एक एकड़ है। इसमें पूरी तरह से पीले पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। राजस्थान के जैसलमेर से पीले पत्थर मंगवाए जा रहे हैं। 60 प्रतिशत तक मंदिर का निर्माण हो चुका है। 40 प्रतिशत निर्माण तीन वर्षों में कर लिया जाएगा। मंदिर प्रांगण में छात्रावास, पार्किंग, संत निवास, धर्मसभा हाल, ग्रंथालय और अस्पताल भी बनाया जा रहा है। पत्थरों की छंटाई व नक्काशी राजस्थान के कारीगर कर रहे हैं।
एक नजर में जिनालय
21 हजार वर्गफीट में तैयार होगा जिनालय।
05 हजार वर्गफीट का छात्रावास।
250 कारों की क्षमता की पार्किंग।
12 हजार वर्गफीट में धर्मसभा हाल।
05 हजार वर्गफीट में यात्री निवास।