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Bhopal News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। भोपाल संभाग में राजधानी ही राजस्व प्रकरणों को निपटाने में फिसड्डी है, जिसका नंबर जिलों में पांचवें स्थान पर है। भोपाल के अलग-अलग राजस्व न्यायालय में कुल 25 हजार 120 प्रकरण 27 अप्रैल तक दर्ज किए गए हैं। इनमें से अब तक कुल 3,926 प्रकरणों का ही निराकरण किया जा सका है।जबकि 21 हजार 194 प्रकरण अब भी लंबित हैं।इन प्रकरणों को सभी राजस्व अधिकारियों को महज तीन महीने में निपटाने का लक्ष्य दिया गया है।
छह महीने से लंबित हैं 4,720 प्रकरण,सर्वाधिक कोलार में 723 प्रकरण
जिले के हुजूर, बैरागढ़, गोविंदपुरा, एमपीनगर, कोलार, टीटीनगर, शहर और बैरसिया तहसील में कुल 4,720 प्रकरण पिछले छह महीने से लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक 723 प्रकरण कोलार तहसील में लंबित हैं जबकि हुजूर में 490 और बैरसिया में 392 प्रकरण छह महीने से लंबित हैं। इसी तरह छह महीने से एमपीनगर में 107,गोविंदपुरा में 63,टीटीनगर में 141, बैरागढ़ में 12, शहर में 61 प्रकरण छह महीने से लंबित हैं।
लक्ष्य वसूली में पिछले राजस्व अधिकारी
जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व अधिकारियों को 175 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया गया था। इसे वसूलने में भी राजस्व अधिकारी पिछड़ गए और हासिल नहीं कर सके हैं।राजस्व अधिकारी 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक कुल 122 करोड़ रुपये की ही वसूली कर सके है। इनमें सबसे अधिक वसूली कोलार तहसील द्वारा 37 करोड़ रुपये की गई है।इस बार भी राजस्व वसूली का लक्ष्य 175 करोड़ रुपये दिया गया है, जिसको पूरा करते हुए अब तक कुल 64 करोड़ रुपये ही वसूली की गई है।
कलेक्टर ने कहा लंबित मामले तीन महीने में निपटाएं
कलेक्टर आशीष सिंह ने शनिवार को जिले की राजस्व वसूली और प्रकरणों की स्थिति जानने के लिए बैठक बुलाकर समीक्षा की। सभी तहसील के एसडीएम से उनके सर्कल के लंबित प्रकरणों और वसूली की जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर ने छह महीने से लंबित नामांतरण, सीमांकन, वसूली, बंटान, आदि के प्रकरणों को अगले तीन महीने में निपटाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कलेक्टर ने कहा कि धारणाधिकार योजना की पात्रता 31 दिसंबर 2020 कर दी गई है तो इसके मामलों को भी जल्द से जल्द हल किया जाए।
इन बिंदुओं पर भी काम करने के दिए निर्देश
- जिले में ट्यूबबेल खनन के प्रतिबंध का सख्ती से पालन कराया जाए।
- पेयजल की स्थिति पर निगाह रखे और संकट होने से पहले ही उसका हल किया जाए।
- जिन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम है, वहां जन जागरुकत अभियान चलाएं।
- जिले की कानून व्यवस्था के लिए एसडीएम, पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार
समीक्षा करें।
- मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान मई से शुरू होगा उसके लिए तैयारी की जाए।
- मुख्यमंत्री समाधान आनलाइन और हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में
निराकरण किया जाए।