
Bhopal News: भोपाल। धार जिले के बाग की शिल्पकला देश दुनिया में मशहूर है लेकिन इस कला की बात आने पर एक वर्ग विशेष के लोगों का नाम ही सामने आता है, जबकि वहां और परिवार हैं, जो यह कार्य करते हैं। बाग के आदिवासी भी छपाई कला में सिद्धहस्त हैं। हालांकि इनके बारे में जानता कोई नहीं है। इसी पहचान को स्थापित करने का प्रयास कर रहीं हैं बाग की शिल्पकार प्रियंका बाहेती। उन्होंने इस पेशे में न सिर्फ पहचान बनाई है बल्कि बाग प्रिंट में नए-नए रंग और डिजाइन लाकर इस कला को और समृद्ध किया है। यहीं वजह है कि उनके स्टाल पर साड़ी और शूट देखकर महिलाओं का दिल बाग-बाग हो जाता है।
गौहर महल में मप्र हस्तशिल्प हथकरघा विकास निगम की ओर से चल रहे शिल्प मेले में प्रदेश भर के शिल्पकार और बुनकर अपनी कला का अनोखा नमूना लेकर उपस्थित हुए हैं। यहां आईं प्रियंका बाहेती ने अपने संघर्ष और बाग प्रिंट कला के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मेरा जन्म देवास में हुआ था। शादी बाग में हुई। ससुरालवालों का वस्त्रकला से किसी को कोई लेनादेना नहीं था लेकिन मेरी रुचि बचपन से इसमें थी। इसलिए बाग आने छपाई कार्य आरंभ करने का निर्णय लिया। पति समेत ससुराजनों की सहमति से अपने बचत के पैसों से काम आरंभ कर दिया। पारंपरिक बाग शिल्पी रफीक भाई से मिली और उनसे काम सीखा। आज मां श्रीगप्रिंट नाम से संस्था है, जिसमें रफीक भाई के साथ ही 25 लोग काम करते हैं। इंडिगो और मिट्टी के कलर प्रयोग किया जिसे लोगों ने बहुत पंसद किया।
बाग प्रिंट में नये कलर और डिजाइन दिए- प्रियंका कहती हैं कि वर्तमान में यह सोच बन गई है कि टैक्सटाइल के क्षेत्र में हैंड ब्लाक प्रिटिंग पुरानी तकनीक हो गई है। यह आधुनिकतम तकनीकों का मुकाबला नहीं कर सकती। इस सोच को हमने बदला है। कोसा सिल्क में बाग प्रिंट से डिजाइनिंग साड़ी बनाई है। इसमें केनी पटास का डिजाइन है, जो बाग का सबसे कठिन काम है। प्रिंटिंग चार्ज 15 हजार आया। इसे दो लोगों ने मिलकर 45 दिन में बनाया है। एक लाख कीमत है। इसी प्रकार बेडशीट में इंडिगो प्लस बाग का काम्बिनेशन भी खास है। इसमें ज्यादा कलर के विकल्प हैं। महेश्वरी सिल्क में इंडिगो और आयरन का यूज किया है। मेले में गुरुवार को लंदन की एक बड़ी कंपनी में कार्यरत विदिशा की नेहा गुप्ता मेरी कला बहुत पसंद आई। वे फोटो फ्रेम डिजानर मूंगा कोसा साड़ी लेकर लेकर गई हैं, जिसमें भारतीय संस्कृति की परंपरारिक डिजाइन हैं। वे यह फोटो फ्रेम साड़ी लेकर गईं हैं। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से लंदन में इंडिया को रिप्रजेंट करूंगी।