Bhopal News: भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। सात बिलियन एक्ट्स आफ गुडनेस' प्रोजेक्ट के अंतर्गत भोपाल में अंतिम दो कार्यक्रम किए गए। ब्रह्मा कुमारीज, ईदगाह हिल्स द्वारा गांधी मेडिकल कालेज में "जीवन में अचानक उत्पन्न होने वाली विपरीत परिस्थितियों का नियोजन" इस विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सीनियर राजयोग प्रशिक्षक,सिविल इंजीनियर एवं सात बिलियन एक्ट्स आफ गुडनेस' प्रोजेक्ट के अंतरराष्ट्रीय निदेशक बीके रामप्रकाश ने सहभागिता दर्ज की। अपने जीवन के अनुभवों को सांझा करते हुए आपने बताया की, जीवन में आने वाली अचानक की परिस्थितियों का सामना हमें एंजेल बनकर करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि कोरोना महामारी के समय संपूर्ण विश्व में सभी डाक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स को एंजेल का नाम देकर सम्मानित किया जा रहा था। उसी प्रकार वर्तमान और भविष्य में भी अचानक परिस्थितियां जब आती हैं तो हमें निस्वार्थ भाव से बिना कुछ अपेक्षा किए सब की खुशी से सेवा करनी है जिससे हम सदा देने वाले फरिश्ते बन सकते हैं। उन्होंने अपना वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का अनुभव साझा करते हुए बताया कि ईश्वर ने यह नया जीवन अब सबको खुशियों और प्यार की सुनामी से भरपूर करने के लिए दिया है और वे अब हैप्पीनेस एंड गुडनेस के इंजीनियर बन गए हैं।
डॉ नीलेश आर्य द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया और डा तृप्ति सक्सेना (एचओडी आफ बायोकेमिस्ट्री) द्वारा कार्यक्रम की सराहना की गई। अंत में डाक्टर संजीव जयंत ने सभी को हृदय से धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सभी छात्रों ने आपस में स्नेह और सहयोग से रहने की एवं महाविद्यालय तथा देश का नाम रोशन करने की प्रतिज्ञा की। दूसरा कार्यक्रम 'भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड' कंपनी के लिए आनलाइन वेबीनार के रूप में हुआ। इसमें डेप्युटी मैनेजर अरविंद, मैनेजर मौली एवं विभिन्न विभागों के समस्त अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। राजयोगी राम प्रकाश सिंघल जी ने सभी को आग्रह किया कि हम स्वयं की दृढ़ इच्छाशक्ति से विपरीत परिस्थिति में भी सकारात्मकता एवं सहयोग भावना को अपने जीवन में स्थान दें। तथा अच्छे कार्य के लिए स्वयं की सराहना करना ना भूलें। अपनी सोच एवं कर्मों को श्रेष्ठ बनाएं। आपने कहा अंधेरा और कुछ नहीं परंतु रोशनी का अभाव मात्र है। इसी प्रकार समस्या केवल एक नवीन विचार का अभाव मात्र है। कार्यक्रम के अंत में डॉ देवयानी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से स्वयं के अंदर की अच्छाइयों को जागृत करने की विधि सिखाई।