
Bhopal News: भाेपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं परीक्षा में दिव्यांग विद्यार्थी अपनी मदद के लिए अन्य साथी को ले जा सकेंगे। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। दृष्टिबाधित, मानसिक कमजोर एवं हाथ की हड्डी टूट जाने या हाथ की खराबी के कारण लिखने में असमर्थ, थैलेसीमिया व सिकल सेल से पीड़ित सहित अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों को यह राहत मिलेगी। साथ ही उन्हें विषय चयन, अतिरिक्त समय, परीक्षा शुल्क से छूट, कंप्यूटर, टाइपराइटर, लेखक चयन की सुविधा भी दी जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने निर्देश दिए हैं कि सभी दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर मूल्यांकन करते हुए अंक प्रदान किए जाने की सुविधा रहेगी। ये बहुविकल्पीय प्रश्न बाह्य मूल्यांकनकर्ता द्वारा तैयार किए जाएंगे। परीक्षा नियंत्रक बलवंत वर्मा ने बताया कि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए बेहतर सुविधाएं दी गई हैं। इस बार 21 प्रकार की दिव्यांगता को शामिल किया गया है।
साथ ही बोर्ड परीक्षा में नकल करने वाले परीक्षार्थियों को तीन साल की जेल या पांच हजार रुपयो का जुर्माना हो सकता है। वहीं, परीक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र में गलती होने पर सुधार के लिए अंतिम मौका सोमवार तक था। बता दें, कि इस साल मंडल की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा एक मार्च से शुरू हो रही है। दोनों परीक्षाओं में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल हो रहे है।
परीक्षा को लेकर मंडल द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक बोर्ड परीक्षाओं में यदि कोई परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग करता है, या कोई व्यक्ति इसमें उसकी सहायता करता है और परीक्षार्थियों के धमकी देना या हथियार ले जाने पर भी तीन साल की सजा का प्रविधान है। अनुचित साधनों का प्रयोग करते पाए जाने पर दोषी व्यक्ति को सरकारी सेवा में नहीं लिया जाएगा।कक्षा में सामूहिक नकल या अन्य व्यक्ति द्वारा नकल करवाने पर सभी परीक्षार्थियों का परीक्षा निरस्त होगा।परीक्षा केंद्र से 100 गज की दूरी तक धारा 144 लागू रहेगी।
नकल रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए है।10वीं व 12वीं की परीक्षा में नकल करने वाले परीक्षार्थियों को तीन साल की जेल या पांच हजार रुपये का जुर्माने का प्रविधान है। परीक्षा की लगभग पूरी तैयारियां हो चुकी है।
बलवंत वर्मा, परीक्षा नियंत्रक, माशिमं