
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। नए साल में भोपाल सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक विशाल महानगर (मेट्रोपॉलिटन रीजन) के रूप में अपनी पहचान दर्ज कराएगा। गुजरात के अहमदाबाद की सेप्ट (सीईपीटी) यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक ऐसा सुपर मैप तैयार किया जा रहा है, जो भोपाल के साथ सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ की सीमाओं को एक सूत्र में पिरो देगा।
अब भोपाल की धड़कन सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ में एक साथ सुनाई देगी। मेट्रोपालिटन अथॉरिटी ने हर शहर को उसकी ताकत के अनुसार एक नया रोल दिया है।
फिलहाल पहले चरण में 8,791 वर्ग किमी का क्षेत्रफल फाइनल किया गया है। जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 10 हजार वर्ग किमी किया जाएगा। बीडीए के अधिकारी इस प्रोजेक्ट को नए साल में राकेट की रफ्तार देने वाले हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा वॉटर मैनेजमेंट और कमर्शियल लैंड के सर्वे से होगा, जिससे भविष्य में पानी की किल्लत नहीं होगी और उद्योगों के लिए पर्याप्त जमीन मिलेगी।
यह भी पढ़ें- 45 लाख का प्रस्ताव फाइलों में अटका, बदहाली का शिकार हुआ वल्लभ भवन का झूलाघर, बच्चों के खेलने की जगह भी नहीं
भोपाल अपनी हरियाली के लिए जाना जाता है। इसलिए मेट्रोपॉलिटन रीजन में उपजाऊ जमीन और पर्यावरण से कोई समझौता नहीं होगा। प्रदूषण नियंत्रण और हरियाली के लिए अलग से कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान बनाया जा रहा है।
कनेक्टिविटी: अब सिर्फ सड़कें नहीं, बल्कि सैटेलाइट टाउन्स और ग्रोथ सेंटर भोपाल को जोड़ेंगे।
रोजगार के अवसर : पांच जिलों के जुड़ने से आइटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लाखों नौकरियां पैदा होंगी।
रियल एस्टेट : आसपास के क्षेत्रों में जमीन की कीमतों और निवेश में उछाल की संभावना।