Bhopal News: प्रदेश में चेकिंग तक सीमित रह गए मोटर व्हीकल एक्ट के नियम
Bhopal News: बसों में दो गेट, फर्स्ट एंड बॉक्स, अग्निश्मन यंत्र नहीं लगे हैं। क्षमता से अधिक यात्री बैठाए जाते हैं।
By Lalit Katariya
Edited By: Lalit Katariya
Publish Date: Sat, 06 Mar 2021 04:21:04 PM (IST)
Updated Date: Sat, 06 Mar 2021 04:39:16 PM (IST)

भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश में संचालित 35 हजार से अधिक यात्री बसें सड़कों पर दौड़ने के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। सीधी बस हादसे के बाद आरटीओ उड़नदस्ते की ओर से चलाए गए चेकिंग अभियान के समय ही बस मालिक नियमों का पालन करते हुए दिखते हैं, जैसे ही चेकिंग बद हो जाती है तो सड़कों पर नियमों को ताक पर रखकर बसें चलाते हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित प्रदेश के सभी संभाग व जिलों में परिवहन सेवा निजी बस मालिकों के हवाले हैं। ऐसे में नियमों का पालन नहीं होने पर प्रदेश भर में 40 लाख रोजाना जान जोखिम में डालकर बसों में सफर करते हैं। बसों में दो गेट, फर्स्ट एंड बॉक्स, अग्निश्मन यंत्र नहीं लगे हैं। क्षमता से अधिक यात्री बैठाए जाते हैं। ड्राइवर व कंडक्टर खाकी वर्दी नहीं पहनते। इससे उनकी पहचान अलग से हो सके। सड़कों पर बसें तेज रफ्तार से दौड़ाई जाती हैं। बसों की रफ्तार नियंत्रण करने के लिए स्पीड गर्वनर लगे हैं,लेकिन काम नहीं करते हैं। ऐसे में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन सड़कों पर नहीं हो पाता है। भोपाल के आइएसबीटी, नादरा, हलालपुर, पुतलीघर सहित प्रदेश के लगभग सभी बस स्टैंडों से अलग-अलग मार्गों पर नियमों को ताक पर रखकर बसें दौड़ती हैं। मप्र सड़क परिवहन निगम अधिकारी व कर्मचारी उत्थान समिति के अध्यक्ष व परिवहन विशेषज्ञ श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि जब तक प्रदेश में निजी परिवहन सेवा जारी रहेगी। लोग प्रदेश भर में संचालित बसों में सफर करने के लिए ऐसे ही परेशान होते रहेंगे। सीधी जैसे बस हादसों पर अंकुश लगाना है तो शासन को प्रदेश में शासकीय परिवहन सेावा शुरू करनी होगी। निजी बस मालिकों की मनमानी पर लगाम लगाना बहुत ही मुश्किल है।